सीतापुर में चल रहा है मेडिकल स्टोरों की आंड़ में गैर रजिस्टर्ड क्लीनिक...


सीतापुर जिले में चल रहा है मेडिकल स्टोरों की आड़ में झोलाछाप डॉक्टरों व गैर रजिस्टर्ड डॉक्टरों का क्लीनिक
 सीतापुर शहर के नैपालापुर  में नैपालापुर चौराहे से महज 50 मीटर की दूरी पर शुभम मेडिकल स्टोर है वहां पर मेडिकल स्टोर के मालिक  धर्मेंद्र कुमार के द्वारा मेडिकल स्टोर की आड़ में मरीजों को भर्ती कर किया जा रहा है उनका इलाज शार्प इंडिया की टीम जब पड़ताल के लिए वहां पहुंची तब वहां पर देखा गया कि वहां पर गैर प्रशिक्षित व कोरोना के समस्त  मानको को दरकिनार करते हुए मरीजों को भर्ती  कर उनका इलाज किया जा रहा था मौके पर मेडिकल स्टोर व नर्सिंग होम के मालिक धर्मेन्द्र कुमार मौजूद भी नही थे जब उनसे फोन के द्वारा बात की जाती है तब उनका बात करने का लहजा बहुत ही शर्मनाक था । 

और  ऐसे ही शहर के कई क्लीनिक जिसे की काज़ियारा मोहल्ले के  क्लीनिक के डॉक्टर इमरान अली जहां पर उनके भाई जिनके पास बीएचएमएस की डिग्री है लेकिन वह प्रैक्टिस यूनानी व आयुर्वेदिक दवाओं की कर रहे  पाए गए इसको लेकर जब शार्प टीम के द्वारा डिप्टी सीएमओ राजशेखर जी से बातचीत की गई तो उनके द्वारा यह बताया गया कि किस शहर में केवल 43 हॉस्पिटलों को परमिशन दी गई है जिसमे वह केवल कोरोना की प्रोटोकॉल को पूरा करते हुए केवल ओपीडी चला सकते हैं और  किसी भी पेशेंट को अपने यहां वह भर्ती भी नही कर सकते हैं यदि वह अकस्मात अपने यहाँ किसी को भर्ती करते है तो उन्हें हमे सूचित भी करना पड़ेगा यदि मेरी जांच और आपके द्वारा दी गई सूचना के अनुसार मौके पर गलत पाया पाया जाता है तो ऐसे क्लीनिक व नर्सिंग होमो पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी ।, 

शार्प मीडिया की टीम जब पड़ताल के लिए वहां पहुंची तब वहां पर देखा गया कि वहां पर गैर प्रशिक्षित व कोरोना के समस्त  मानको को दरकिनार करते हुए मरीजों को भर्ती  कर उनका इलाज किया जा रहा था मौके पर मेडिकल स्टोर व नर्सिंग होम के मालिक धर्मेन्द्र कुमार मौजूद भी नही थे जब उनसे फोन के द्वारा बात की जाती है तब उनका बात करने का लहजा बहुत ही शर्मनाक था।और  ऐसे ही शहर के कई क्लीनिक जिसे की काज़ियारा मोहल्ले के  क्लीनिक के डॉक्टर इमरान अली जहां पर उनके भाई जिनके पास बी.एच.एम.एस की डिग्री है।

 लेकिन वह प्रैक्टिस यूनानी व आयुर्वेदिक दवाओं की करते पाए गए इसको लेकर जब शार्प टीम के द्वारा डिप्टी सीएमओ राजशेखर जी से बातचीत की गई तो उनके द्वारा यह बताया गया कि शहर में केवल 43 हॉस्पिटलों को परमिशन दी गई है जिसमे वह केवल कोरोना की प्रोटोकॉल को पूरा करते हुए केवल ओपीडी चला सकते हैं और  किसी भी पेशेंट को अपने यहां वह भर्ती भी नही कर सकते हैं यदि वह अकस्मात अपने यहाँ किसी को भर्ती करते है तो उन्हें हमे सूचित भी करना पड़ेगा यदि मेरी जांच और आपके द्वारा दी गई।
 सूचना के अनुसार मौके पर गलत पाया पाया जाता है तो ऐसे क्लीनिक व नर्सिंग होमो पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी ।

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