जिला सैनिक बंधु की बैठक हुई सम्पन्न
भूतपूर्व सैनिकों/ आश्रितों/विधवाओं की हर समस्याओं के समाधान हेतु होंगे प्रयास- डी एम
*सैनिकों के लिए जनपद में कैंटीन हेतु भूमि की जायेगी उपलब्ध- डी एम*
*सैनिकों को विधिक सहायता की जाएगी निःशुल्क उपलब्ध*
कुशीनगर।
सैनिक बंधु की बैठक आज जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय में जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी महोदय ने जनपद के विभिन्न हिस्सों से आए हुए भूतपूर्व सैनिकों की समस्याएं सुनी, उनके भूमि संबंधी समस्याओं के निस्तारण हेतु संबंधित लेखपाल को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने उपस्थित भूतपूर्व सैनिकों व आश्रितों को भू विवाद से संबंधित तकनीकी एवं विधिक पहलुओं के बारे में विस्तार से समझाया। जिलाधिकारी द्वारा प्रशासनिक व न्यायिक कार्यों के बारे में भूतपूर्व सैनिकों को जानकारी दी गई। बतौर प्रशासनिक अधिकारी डी एम के प्रशासनिक दायित्व के बारे में उन्हें समझाया। इस क्रम में एक सैनिक ने जिलाधिकारी को उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ जिलाधिकारी की संज्ञा दी।
उपस्थित भूतपूर्व सैनिक, आश्रित, तथा शहीदों की विधवा आश्रितों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि देश में सैनिकों का सम्मान हमेशा से होता आया है। सैनिकों द्वारा नागरिकों की सुरक्षा मुश्किल परिस्थितियों में भी देश की सीमाओं पर कार्य करते हुए की जाती है। अतः यह सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि भूतपूर्व सैनिकों/आश्रितों/ विधवा की जहां तक हो सके मदद करें।
डी एम ने बताया कि कई बार विधिक विवादों के बारे में जब लोगों को जानकारी नहीं होती है तो वे फंस जाते हैं । उन्होनें कहा कि सैनिकों की जो भी समस्याएं उनके संज्ञान में आएंगी उन समस्याओं के समाधान हेतु अनिवार्य प्रयास किए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि सेना में काम करने वाले जवानों व अधिकारीगण के प्रति सम्मान हमेशा से रहा है। उन्होंने अपने प्रशिक्षण अवधि की बात करते हुए बताया कि जब आई ए एस/ आई पी एस की ट्रेनिंग होती है तो सेना के साथ जुड़ाव होता है। ट्रेनिग दौरान यह सिखाया जाता है कि किस परिस्थिति में सैनिक काम करते हैं। सैनिकों के रूटीन कार्यों से एक्सपोजर दिया जाता है। जिससे देश के नागरिक सुकून से रह सके। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि आपकी जो भी मांग/समस्या हो उसका किसी प्रकार समाधान निकाला जाए। जिलाधिकारी ने भूतपूर्व सैनिकों/ आश्रितों को आज की बैठक हेतु समय निकालने के लिए तथा देश सेवा के लिए धन्यवाद दिया, तथा कहा कि अपनी समस्याओं को जिलाधिकारी कार्यालय आकर भी रख सकते हैं।इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा जनपद कुशीनगर के सैनिकों हेतु कैंटीन हेतु जमीन की मांग को भी संज्ञान में लिया गया तथा संबंधित लेखपाल को जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया।
इससे पहले बैठक को संबोधित करते हुए जिला सैनिक कल्याण व पुनर्वास अधिकारी विंग कमांडर आलोक सक्सेना ने जिलाधिकारी महोदय व उपस्थित सभी गणमान्य का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सैनिक बंधु अपनी समस्याओं के निस्तारण हेतु मासिक बैठक का इंतजार ना करें बल्कि वे कभी भी किसी भी कार्य दिवस में आकर अपनी समस्याओं को रख सकते हैं। उनकी समस्याओं का निस्तारण करने का प्रयास किया जाएगा। सैनिक कल्याण व पुनर्वास कार्यालय हेतु जिलाधिकारी के योगदान की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए विंग कमांडर आलोक सक्सेना ने बताया कि किस प्रकार जिलाधिकारी द्वारा सैनिकों के कल्याण हेतु बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जाता है।
इस क्रम में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश श्रीवास्तव का भी आभार प्रकट करते हुए सैनिक पुनर्वास कल्याण अधिकारी ने उनके भूतपूर्व सैनिकों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहने व योगदान हेतु धन्यवाद दिया।
बैठक को वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश श्रीवास्तव ने संबोधित करते हुए कहा कि सैनिक बंधुओं को सही सलाह की जरूरत है। जिलाधिकारी महोदय से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि यदि बीट के सिपाही व लेखपाल यह समझे कि ये सैनिक देश के लिए लड़े हैं और इन्हें सही सलाह तथा मदद उपलब्ध कराएं तो इनकी समस्या हल हो जाएगी। वरिष्ठ अधिवक्ता ने सभी सैनिकों को आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार की विधिक समस्या यदि हो तो उन्हें हर शनिवार को 04 घंटे उनकी तरफ से नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन सैनिकों ने अपनी जवानी देश के लिए अर्पित की यदि उन्हें समस्या होती है यह काफी दुखद होगा।
इससे पहले जिलाधिकारी द्वारा शहीद स्मारक पर माल्यार्पण तथा पुष्प अर्पित किए गए व सैनिक बंधुओं के बैठक उपरांत शहीद सैनिकों की विधवाओं को कंबल भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा सैनिक कल्याण व पुनर्वास कार्यालय के कनिष्ठ सहायक प्रभाकर नाथ तिवारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह, अग्रणी बैंक प्रबंधक आर एस त्यागी, सीओ सदर, कैप्टन एल0 बी0 त्रिपाठी, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की आश्रिता आदि मौजूद थे। *दिनेश कुमार जायसवाल की रिपोर्ट।*
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