किसान संदेश अभियान के तहत पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में आज मुख्यमंत्री को चार सूत्रीय मांगों का संबोधित ज्ञापन धरना देकर जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा गया


लखनऊ 7 फरवरी। किसान संदेश अभियान के तहत पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में आज मुख्यमंत्री को चार सूत्रीय मांगों का संबोधित ज्ञापन धरना देकर जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा गया। यह जानकारी देते हुए रालोद के प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने बताया कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी महानगर अध्यक्ष आशीष तिवारी तथा जिलाध्यक्ष रफी अहमद सिद्दीकी की अध्यक्षता में रालोद नेताओं ने ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष वसीम हैदर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व महासचिव रजनीकांत मिश्रा, अवध क्षेत्र के संगठन महासचिव चंद्रकांत अवस्थी, वरिष्ठ नेता अफसर अली एवं रमावती तिवारी, प्रमोद शुक्ला, अनितया मिश्रा, मोहम्मद रंजन ने ज्ञापन के माध्यम से सोई हुयी सरकार को जगाने का काम किया।  

ज्ञापन में रालोद नेताओं ने कहा कि वर्तमान सत्र में 4 महीने गन्ना मिलों को चलते हो गये है किन्तु आज तक गन्ने के लाभकारी मूल्य की घोषणा नहीं हुयी। किसान एकलौता ऐसा उत्पादक है जिसको अपने उत्पाद का मूल्य तय करने का भी अधिकार नहीं है। अपने खून पसीने से सींची हुयी फसल को मिल मालिकों को देता जाता है लेकिन उसको यही नहीं पता होता है कि उसकी फसल का कितना पैसा मिलेगा। राष्ट्रीय लोकदल द्वारा सवा माह से किसान संदेश अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत पूरे प्रदेश से 4 लाख से अधिक किसानों ने किसान संदेश अभियान के माध्यम से मा0 मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर गन्ना मूल्य की घोषणा कराये जाने की मांग कर चुके हैं लेकिन अभी तक गन्ना मूल्य की घोषणा नहीं की गयी है जिससे गन्ना किसानों में भारी निराशा और असंतोष व्याप्त है। 

ज्ञापन में रालोद नेताओं ने मांग की कि सत्र 2022-23 का गन्ने का लाभकारी मूल्य की घोषणा की जाय, आवारा पशुओं से किसानों की फसल बचाने हेतु उचित समाधान किया जाए, बकाया गन्ना मूल्य का ब्याज सहित भुगतान कराया जाय तथा ब्रज क्षेत्र में आलू निर्यात केन्द्र की स्थापना की जाए तथा आलू का समुचित मूल्य सरकार निर्धारित करे। 

रालोद नेताओं ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि शीघ्र ही किसानों की समस्याओं का समाधान न किया गया तो राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता व पदाधिकारी उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विशाल धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगीं।

(सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी)

     प्रदेश मीडिया प्रभारी

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