बेटी नहीं जो आई तो फिर बहु कहाँ से लाओगे

नजारे बदल जाएँगे वक्त आने पर चाँद सितारे बदल जाएँगे....

सुला तो लेगी मां बच्चे को लेकिन खिलौना ख्वाब में आता रहेगा.... 

विश्व बेटी दिवस पर श्रीलंका बुद्ध बिहार में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन
 *कसया, कुशीनगर* ।
विश्व बेटी दिवस के अवसर पर कुशीनारा जीवक ट्रस्ट एवं कुशीनारा इंस्टीट्यूट द्वारा श्रीलंका बुद्ध बिहार परिसर में रविवार को आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों व शायरों ने अपनी रचनाओं को सुनाकर बहाबही लूटी।
कवि सम्मेलन का उद्घाटन भन्ते डा0 नन्द रतन ने धम्म वन्दना के साथ की। इसके पश्चात प्रदीप मिश्र ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया व अपनी रचना 'मन तथागत हो न पाया, पर तुम्हारी खोज में एक परिव्राजक सरीखा सारा जीवन हो गया', शैलेन्द्र 'असीम' ने 'नफरतें हर तरफ सिर उठाने लगीं, बुद्ध की आज फिर है जरूरत बड़ी।' 
परमानन्द मिश्र ने 'गीतों के अमृत रस से मैं सराबोर करने आ‌या, छंदों से रससिक्त आपका, पोर-पोर करने आया', युवा कवि आफताब आलम ने 'कुछ लोग करते प्यार का व्यापार हैं. और आओ तुम्हे मैं अपनी कहानी बताता हूँ।', सुनील चौरसिया 'सावन' ने नजरों को बदलो, नजारे बदल जाएँगे वक्त आने पर चाँद सितारे बदल जाएँगे', प्रेमनाथ मिश्र ने 'हर क्षेत्र में बनी है पहचान बेटियों की । हैरान देखे दुनिया, उड़ान बेटियों की', वरिष्ठ कवि आर के भट्ट बावरा ने 'सन्तुलन जो बिगड़ा सृष्टी का मल-मल के हाथ पछताओगे । बेटी नहीं जो आई तो फिर बहु कहाँ से लाओगे ?, संचालन करते हुए वकार वाहिद ने 'सुला तो लेगी मां बच्चे को लेकिन खिलौना ख्वाब में आता रहेगा। अध्यक्षता कर रहे गोरखपुर से आये नामचीन शायर कलीमुल हक ने उसको आना था ना आएगा ना आए लेकिन उसकी यादों से कहो मुझ को मनाने आए, आँख पागल थी उसे रख़्वाब में पाना चाहा नींद रूठी है तो होश ठिकाने आए। सुनाकर कवि सम्मेलन के समापन की घोषणा की। डा0 राजेश रंजन, नवल प्रताप सिंह ने भी अपनी रचना पढ़ी। इस मौके पर कवियों ने सुनील चौरसिया का काव्य संग्रह उपाध्यक्ष अंजलि खरवार को भेंट किया।
आयोजक ट्रस्ट अध्यक्ष डा0 पवन खरवार व उपाध्यक्ष अंजलि खरवार ने अतिथि कवियों व शायरों को अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। प्रबन्धक एडवोकेट शिव कुमार ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान राकेश मिश्रा, डा0 राजेश रंजन, प्रदीप कुशवाहा, डा0 सोनू भरद्वाज, हीरालाल गोंड, महेश, एड0 राहुल शाह सहित विशिष्ट जन व पैरामेडिकल छात्राएं मौजूद रहे।
 *दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट*

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