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महामहिम राष्ट्रपति महोदया'
ज्ञापन द्वारा श्रीमान आयुक्त
गोरखपुर
युद्ध विराम" शांति संदेश "
युद्ध समाप्त करें' बच्चों का जीवन बचाएं
21वीं सदी में जब हम सभ्यता' की ऊंचाइयां छू रहे हैं "सभ्य' हस्ताक्षर"हैं परंतु लगे हैं पशुवत युद्ध में। ऐसी ऊंची सभ्यता को मैं मिट्टी का ढेर मानता हूं। ऐसे युद्ध की क्या जरूरत है जिसमें बच्चे मारे जा रहे हैं? इतिहास के पन्नों में इजराइल फिलिस्तीन युद्ध जुर्म' एवं क्रूरता' के रूप में दर्ज होगा
पयोधि तक वसुंधरा बुद्ध ईसा मसीह और गांधी की साक्षी है इन्होंने सत्य अहिंसा एवं शांति का रास्ता दिखाया जिस रास्ते पर चलकर हम और हमारी सभ्यता महफूज है।
इजराइल- फिलिस्तीन युद्ध समाप्त करें क्योंकि युद्ध में निर्दोष बच्चे मारे जा रहे हैं
बच्चे आतंकवादी नहीं है नटवा आतंकवादी हैं ना उनके शरीर पर किसी व्यक्ति या देश का नामांकित है
"आतंकवाद" हथियार एवं हिंसा से नहीं वरन अहिंसा एवं शांति के हथियार से समाप्त होगा। अहिंसा एवं शांति का हथियार बुद्ध गांधी के महान मुल्क भारत के पास है
आतंकवाद न आसमान से गिरा है न जमीन से पैदा हुआ है इसे सभ्य लोगों ने पैदा किया है।
एक 'पीस एक्सपीडिशन' जिसमें भारत की पांच देवियां नजमा हेपतुल्ला'सोनिया गांधी' ऋतंभरा' किरण बेदी' जस्टिस वी बी नागरत्ना' शामिल है इजराइल, फिलिस्तीन, UNO शांति वार्ता के लिए भेजा जाए।
बुद्ध' गांधी की प्रतिमा' बुद्ध के महापरिनिर्वाण की मिट्टी एवं बच्चों को बचाने के लिए लोगों के हस्ताक्षर युक्त शांति रजिस्टर UNO को भेजा जाय।
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी भारत
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