पाखंड खंडिनी सत्याग्रह"12 जनवरी सरजू तट अयोध्या"

"महामहिम राष्ट्रपति महोदया"        3 pm 31 दिसंबर 24
"पाखंड खंडिनी सत्याग्रह"12 जनवरी सरजू तट अयोध्या"

जीवन की रोशनी बुझाकर अयोध्या में 22 लाख दीये जलाना संविधान की हत्या है,22 जनवरी को 22 लाख दीये नहीं जलने दूंगा। 

मा•प्रधानमंत्री द्वारा पत्थर की राम मूर्ति में प्राण डालने के पाखंड'अंधविश्वास एवं 22 लाख दीप प्रज्वलन"के विरुद्ध" अंधविश्वास पाखंड खंडनी सत्याग्रह 19वीं सदी के महानतम वैज्ञानिक समाज सुधारक"विवेकानंद के जन्मदिन 12 जनवरी सरजू तट पर राम वैश्विक नगरी "अयोध्या"में करूंगां। यह सत्याग्रह स्वामी दयानंद की "पाखंड खंडनी पताका"एवं विवेकानंद की मूर्ति पूजा खंडन'की पुनरावृत्ति है।' 
" मैं नास्तिक  हूं"मैं नास्तिक क्यों हूं"? भगत सिंह'
प्रधानमंत्री द्वारा जो कुछ किया जा रहा है  वह भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस का अपमान एवं गाली है।

अंधविश्वास पाखंड का खंडन करता हूं।
प्रधानमंत्री जी सत्ता की भूख मिटाने के लिए इस महान मुल्क का पतन मत करिए। आप जो कुछ कर रहे हैं उससे जीवन' मानवता' एकता' संविधान पल-पल टूट रहा है।आपकी वाणी से झूठ' नफरत एवं भय पैदा हो रही है।अकूत संपदा' संसाधन'संपत्ति का नाश किया जा रहा हैं। 

सरजू तट पर मैं अकेले सत्याग्रह करूंगा, सत्य अहिंसा एवं शांति के बल पर आपके अंधविश्वास पाखंड को नष्ट करूंगा 

राम मांस' खून'के बने हृदय में रहता है,प्रस्तर मंदिर एवं मूर्तियों में नहीं। तेल खाने के लिए है, उसमें तरकारी बनती है गरीब अमीर दोनों की। जिस देश में तेल के अभाव में बच्चों के आंख की रोशनी जा रही है उनकी तरकारी पानी में बनाई जा रही है वहां के प्रधानमंत्री 22 लाख दीए'जलाते हों।

एक अयोध्या"एक राम' एक आत्मा"एक भगवान'एक भारत' एक राष्ट्र' एक प्रधानमंत्री' फिर 22 लाख दीये क्यों?

विवेकानंद जयंती 12 जनवरी अयोध्या में सरजू के तट पर "पाखंड खंडनी सत्याग्रह" प्रारंभ करूंगा। 23 जनवरी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन तक चलने वाले इस सत्याग्रह के दौरान पानी में बनी तरकारी"रोटी नमक पानी खाऊंगा। क्योंकि 80 करोड लोगों को दाल एवं तेल नसीब नहीं है।

महामहिम अयोध्या में जो अंधविश्वास पाखंड मा प्रधानमंत्री द्वारा फैलाई जा रही है उसका विरोध मेरा धर्म एवं कर्तव्य दोनों है क्योंकि मैं गांधी 1869 अंबेडकर 1891 सुभाष चंद्र बोस 1897भगत सिंह 1907 संतान हूं संविधान"में जीता हूं। पाखंड अंधविश्वास अवैज्ञानिकता असंवैधानिकता का विरोध तो करूंगा ही

मेरे एवं मेरे परिवार की कड़ी सुरक्षा की जाए क्योंकि वर्तमान सत्ता में मैं भरोसा खो चुका हूं।

प्रति;-- माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान जिलाधिकारी गोरखपुर फैजाबाद श्रीमान एसएसपी गोरखपुर फैजाबाद श्रीमान so शाहपुर गोरखपुर

पूर्वांचल गांधी
9415418263

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