जिलाधिकारी ने कोपजंगल स्थित वृहत गो संरक्षण केंद्र का किया औचक निरीक्षण

समस्त पशु शेड को प्लास्टिक से कवर करने के डीएम ने दिए निर्देश*

*खाली पड़े भूमि में सुबबुल, नेपियर घास तथा हरा चारा बोने के दिए निर्देश*

*एसडीएम, बीडीओ तथा सीवीओ को सस्टेनेबल डेवलपमेंट के दिए निर्देश*

 *कुशीनगर* 

विधायगक खड्डा विवेकानंद पांडेय तथा जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा आज तहसील खड्डा स्थित वृहत गो संरक्षण केंद्र कोपजंगल का औचक निरीक्षण किया गया।  निरीक्षण दौरान मा० विधायक व जिलाधिकारी ने गो वंशो की संख्या,भूसे की पर्याप्त उपलब्धता, हरा चारा की व्यवस्था, पेय जल की उपलब्धता तथा साफ सफाई की व्यवस्था,पशुओं के चिकित्सा संबंधित सुविधाओं का निरीक्षण किया।

    निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने गोआश्रय स्थल कोपजंगल में कुल पशुओं की संख्या, लंपी बीमारी से बचाव हेतु टीकाकृत हुए पशुओं को संख्या, गोवंश की टैगिंग की स्थिति, सीसीटीवी की उपलब्धता, शेडो की संख्या, भूसे की उपलब्धता, चरई की स्थिति, सोलर लाइट की जानकारी  की  मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से ली।पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया पडरौना स्थित 59 एकड़ पशुपालन विभाग की भूमि है जिसमे वृहत गो संरक्षण केंद्र 2 फेज में बना है, गो संरक्षण केंद्र में दोनो फेज में कुल 991 गोवंश संरक्षित है, सीसीटीवी ठीक है, गोवंश की टैगिंग पूर्ण है, भूसा गोदाम में 1580 क्विंटल भूसा भंडार संरक्षित है । 05 एकड़ में हरा चारा बोया गया है, 50 रुपए प्रति गोवंश पर प्राप्त होता है एवं वर्तमान में गोवंश 8 शेड , 6 चरई है ।

    *जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एवं उप जिलाधिकारी खड्डा को खाली पड़े भूमि की पैमाइश कर उपलब्ध भूमि पर नेपियर घास, सुबबुल, हरे चारे बोये जाने हेतु निर्देशित किया, क्योंकि नेपियर घास पशुओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है एवं  शीतलहर के दृष्टि से संपूर्ण शेड को प्लास्टिक से कवर करने, नियमित रूप से साफ सफाई, पशुओं को उचित मात्रा में भूसा, चोकर,गुड़ एवं अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने हेतु निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने कहा की खाली पड़े जमीन की पैमाईश और आबादी का सर्वे कर रिपोर्ट प्रेषित करें।उन्होंने सभी पशुओं के खान-पान की व्यवस्था, गोबर से केचुए की मदद से वर्मी कंपोस्ट खाद्य बनाने एवं उचित स्वास्थ्य/ चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने हेतु मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया।एसडीएम, बीडीओ खड्डा और सीवीओ तीनों मिलकर इस गो संरक्षण केंद्र का सस्टेनेबल डेवलपमेंट करें।उपस्थित ग्रामवासियों में कंबल वितरण के भी निर्देश दिए गए।*

 निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने सी.वी.ओ रविन्द्र सिंह को गो संरक्षण केंद्र हेतु पशु चिकित्सक की नियमित उपस्थिति के निर्देश दिए। सीवीओ ने बताया की पर्यटन के दृष्टिगत गो आश्रय केंद्रों पर छोटे छोटे शेड बनाए गए है, जहां लोग आकर जन्मदिन आदि मना सके।

तत्पश्चात ग्राम वासियों के द्वारा आवास के संबंध में सामान नाम के अन्य व्यक्ति के खाते में हस्तांतरित हुई धनराशि की शिकायत की, जिसपर जिलाधिकारी ने बीडीओ और उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि प्रकरण की जांच कर आख्या प्रेषित करें।

इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रविंद्र सिंह, एसडीएम खड्डा आशुतोष ,बीडीओ विनीत कुमार, लेखपाल करुणाकर चौरसिया, ग्राम सचिव पवन राय ,ग्राम प्रधान यशवंत कुशवाहा, चिकित्सक तथा सभी संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।
मा0 विधायगक खड्डा विवेकानंद पांडेय तथा जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा आज तहसील खड्डा स्थित वृहत गो संरक्षण केंद्र कोपजंगल का औचक निरीक्षण किया गया।  निरीक्षण दौरान मा० विधायक व जिलाधिकारी ने गो वंशो की संख्या,भूसे की पर्याप्त उपलब्धता, हरा चारा की व्यवस्था, पेय जल की उपलब्धता तथा साफ सफाई की व्यवस्था,पशुओं के चिकित्सा संबंधित सुविधाओं का निरीक्षण किया।

    निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने गोआश्रय स्थल कोपजंगल में कुल पशुओं की संख्या, लंपी बीमारी से बचाव हेतु टीकाकृत हुए पशुओं को संख्या, गोवंश की टैगिंग की स्थिति, सीसीटीवी की उपलब्धता, शेडो की संख्या, भूसे की उपलब्धता, चरई की स्थिति, सोलर लाइट की जानकारी  की  मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से ली।पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया पडरौना स्थित 59 एकड़ पशुपालन विभाग की भूमि है जिसमे वृहत गो संरक्षण केंद्र 2 फेज में बना है, गो संरक्षण केंद्र में दोनो फेज में कुल 991 गोवंश संरक्षित है, सीसीटीवी ठीक है, गोवंश की टैगिंग पूर्ण है, भूसा गोदाम में 1580 क्विंटल भूसा भंडार संरक्षित है । 05 एकड़ में हरा चारा बोया गया है, 50 रुपए प्रति गोवंश पर प्राप्त होता है एवं वर्तमान में गोवंश 8 शेड , 6 चरई है ।

    *जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एवं उप जिलाधिकारी खड्डा को खाली पड़े भूमि की पैमाइश कर उपलब्ध भूमि पर नेपियर घास, सुबबुल, हरे चारे बोये जाने हेतु निर्देशित किया, क्योंकि नेपियर घास पशुओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है एवं  शीतलहर के दृष्टि से संपूर्ण शेड को प्लास्टिक से कवर करने, नियमित रूप से साफ सफाई, पशुओं को उचित मात्रा में भूसा, चोकर,गुड़ एवं अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने हेतु निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने कहा की खाली पड़े जमीन की पैमाईश और आबादी का सर्वे कर रिपोर्ट प्रेषित करें।उन्होंने सभी पशुओं के खान-पान की व्यवस्था, गोबर से केचुए की मदद से वर्मी कंपोस्ट खाद्य बनाने एवं उचित स्वास्थ्य/ चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने हेतु मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया।एसडीएम, बीडीओ खड्डा और सीवीओ तीनों मिलकर इस गो संरक्षण केंद्र का सस्टेनेबल डेवलपमेंट करें।उपस्थित ग्रामवासियों में कंबल वितरण के भी निर्देश दिए गए।*

 निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने सी.वी.ओ रविन्द्र सिंह को गो संरक्षण केंद्र हेतु पशु चिकित्सक की नियमित उपस्थिति के निर्देश दिए। सीवीओ ने बताया की पर्यटन के दृष्टिगत गो आश्रय केंद्रों पर छोटे छोटे शेड बनाए गए है, जहां लोग आकर जन्मदिन आदि मना सके।

तत्पश्चात ग्राम वासियों के द्वारा आवास के संबंध में सामान नाम के अन्य व्यक्ति के खाते में हस्तांतरित हुई धनराशि की शिकायत की, जिसपर जिलाधिकारी ने बीडीओ और उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि प्रकरण की जांच कर आख्या प्रेषित करें।

इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रविंद्र सिंह, एसडीएम खड्डा आशुतोष ,बीडीओ विनीत कुमार, लेखपाल करुणाकर चौरसिया, ग्राम सचिव पवन राय ,ग्राम प्रधान यशवंत कुशवाहा, चिकित्सक तथा सभी संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।
 *दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट।*

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