1 जनवरी 2024
"सत्ता की भूख मिटाने के लिए इस महान मुल्क के साथ आप क्या कर रहे हैं? पत्थर निर्मित राम मूर्ति में प्राण डालना एवं 22 लाख दीप जलाना अंधविश्वास'पाखंड'हैअवैज्ञानिक'है संविधान"की हत्या है"। इसे तत्काल रोकिए अन्यथा अयोध्या में सरजू तट पर विवेकानंद जयंती 12 जनवरी"पाखंड खंडिनी सत्याग्रह"करूँगा।
प्रधानमंत्री जी" एक अयोध्या"एक राम' एक आत्मा"एक भगवान'एक भारत' एक राष्ट्र' एक प्रधानमंत्री' फिर 22 लाख दीये क्यों? "एक दीप जलाइए"
प्रधानमंत्री जी"कुछ तो पद की गरिमा रखिए। स्वामी दयानंद पाखंड खंडनी पताका"एवं विवेकानंद ने मूर्ति पूजा खंडन' किया।भगत सिंह "मैं नास्तिक हूं"और मैं नास्तिक क्यों हूं"? लिखकर ईश्वर के अस्तित्व को ही नकार दिया। सुभाष चंद्र बोस अंधविश्वास एवं पाखंड को गुलामी का कारण मानते थे। अयोध्या में जो जो कुछ किया जा रहा है वह गांधी'भगत सिंह' सुभाष"अंबेडकर" का अपमान है गली है। आपकी सत्ता भूख भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस पर भारी है।
प्रधानमंत्री जी''यह 'मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी' और संविधान" अयोध्या के मंदिर एवं 22 लाख दीयों से नहीं निकला है वरन मदनलाल ढींगरा भगत सिंह सुखदेव राजगुरु बिस्मिल्ल अशफाकउल्ला रोशन सिंह राजेंद्र लाहिड़ी चंद्रशेखर आजाद उधम सिंह जैसे असंख्य की फांसी का परिणाम है।
प्रधानमंत्री जी' हम मां के पेट से पैदा हैं। शिक्षा"विद्यालय से एवं चिकित्सा चिकित्सालय से हासिल करते हैं।बस ट्रेन एवं जहाज से चलकर उड़कर एक से दूसरे स्थान पर जाते हैं।हमारा भोजन किसान पैदा करता है हवा"पानी प्रकृति देती है ? अयोध्या के मंदिर एवं मूर्तियों का हमारे जीवन में शून्य योगदान है।
प्रधानमंत्री जी"आप क्या कर रहे हैं? अपनी सत्ता की भूख मिटाने के लिए इस महान मुल्क को क्यों दफन कर रहे हैं? इस महान मुल्क की महानता सत्य'अहिंसा'एकता'एवं शांति'में निहित है,मंदिर,हिन्दू या हिंदुत्व में नहीँ।
प्रधानमंत्री जी' 80 करोड लोग 5 किलो अनाज में जीवन खोज रहे हैं 22 करोड़ कुपोषित है।किसान श्रमिकों की गाढ़ी कमाई की आप होली खेल रहे हैं,22 लाख दीये जला रहे हैं पत्थर में प्राण डाल रहे हैं।
प्रधानमंत्री जी" सत्ता की भूख मिटाने के लिए इस महान मुल्क का पतन मत करिए। आप जो कुछ कर रहे हैं उससे जीवन' मानवता' एकता' संविधान पल-पल टूट रही है।आपकी वाणी से झूठ'नफरत एवं भय पैदा हो रही है।अकूत संपदा' संसाधन संपत्ति का नाश किया जा रहा हैं।
प्रधानमंत्री जी"राम"मांस' खून'के बने हृदय में रहता है,प्रस्तर मंदिर एवं मूर्तियों में नहीं। तेल खाने के लिए है, उसमें तरकारी बनती है गरीब अमीर दोनों की। जिस देश में तेल के अभाव में बच्चों के आंख की रोशनी जा रही है उनकी तरकारी पानी में बनाई जा रही है वहां के प्रधानमंत्री 22 लाख दीए'जलाते हों।
प्रधानमंत्री जी झूठ अंधविश्वास पाखंड को मीडिया के माध्यम से सत्य बता कर इस महान मुल्क की अर्थव्यवस्था एवं एकता तहस-नस कर रहे हैं मैं चाहता हूं मंदिर मस्जिद एवं मूर्तियों के सच को लोगों तक पहुंचा दूं। परंतु जब भी मैं सत्याग्रह के लिए निकलता हूं पुलिस मुझे रोक देती है। आखिर मेरे हिस्से की स्वतंत्रता'आपकी पुलिस क्यों छिनती है?
प्रधानमंत्री जी' 19वीं सदी के महानतम वैज्ञानिक समाज सुधारक" विवेकानंद के जन्मदिन 12 जनवरी को सरजू तट पर 'राम की वैश्विक नगरी "अयोध्या"में अंधविश्वास पाखंड खंडिनी सत्याग्रह"करूंगां। यह सत्याग्रह स्वामी दयानंद की "पाखंड खंडनी पताका"एवं विवेकानंद की मूर्ति पूजा खंडन'की पुनरावृति है
प्रधानमंत्री जी" मैं गांधी b1869 अंबेडकर b1891 सुभाष चंद्र बोस b1897 भगत सिंह b1907 की संतान हूं मानव एवं संविधान"में जीता हूं। पाखंड अंधविश्वास अवैज्ञानिकता असंवैधानिकता का विरोध तो करूंगा ही। यदि मेरे सत्याग्रह को रोकने के लिए बल प्रयोग किया गया तो मैं अनशन के लिए विवश होऊंगा। आपने 5 जनवरी तक अपनी अयोध्या योजना को स्थगित नहीं किया तो 6 जनवरी को एक PIL सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय को भेजूंगा। इलाहाबाद बनारस लखनऊ की सड़कों पर पाखंड खंडिनी सत्याग्रह करूंगा
प्रति;--महामहिम राष्ट्रपति महोदया श्रीमान जिलाधिकारी गोरखपुर फैजाबाद श्रीमान एसएसपी गोरखपुर फैजाबाद श्रीमान so शाहपुर गोरखपुर
पूर्वांचल गांधी
9415418263
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