अपनी सत्ता की भूख मिटाने के लिए प्रधानमंत्री

8am3जनवरी2024

"महामहिम राष्ट्रपति महोदया"     

अपनी सत्ता की भूख मिटाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री द्वारा अयोध्या में किए जा रहे अंधविश्वास एवं पाखंड के विरुद्ध अयोध्या में सरजू तट पर करूंगा सत्याग्रह

"5 किलो अनाज पर जीने वाले 80 करोड लोगों एवं 22 करोड़ कुपोषितों के पेट के पैसे से माननीय प्रधानमंत्री अयोध्या में जिस पाखंड एवं अंधविश्वास की आधारशिला रख रहे हैं उसे रोकिए" रुकिए विलंब मत करिए भारत में मनुष्यता मर जाएगी।

 यकीन करिए यह भारत है। वैदिक काल उपनिषद महाकाव्य बुद्ध अशोक पुष्यमित्र शुंग और पांचवी सदी के मध्य तक मंदिर मस्जिद मूर्तियों का पाखंड भारत के इतिहास में नहीं है। इंडोलॉजी आर्कियोलॉजी हिस्ट्री विषय का शोधार्थी ( गोरखपुर विश्वविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय)  होने के कारण मैं यह बताने का यत्न कर रहा हूं कि प्रधानमंत्री जो कुछ अयोध्या में कर रहे हैं वह जीवन' मनुष्यता' लोकतंत्र 'और संविधान'का कत्ल है। महामहिम से निवेदन करता हूं अयोध्या में जो कुछ किया जा रहा है तत्काल उसे रोकिए।  जीवन' मानवता' एकता' विकास' लोकतंत्र' संविधान' का यह नजर के सामने पतन है।  रोकिए इसे रोकिए। हर पल वहां गरीबों के पेट के पैसे को दफन किया जा रहा है।पूरी प्रक्रिया पर विराम लगाइए। 

सत्य और अहिंसा की पूरी  ताकत से कहने की कोशिश कर रहा हूं कि यहां जाने वाला,कुछ को छोड़कर, शेष  राम को मंदिर मूर्ति झूठ हिंसा अपराध बलात्कार में खोज रहा है। सच में राम सेवरी के घर है प्रत्येक कौशल्या रूपी मां के घर है जिसके साथ हमारी पीढ़ी आज ----- कर रही है ।100 करोड़ किसान मजदूर राम है। राम को किसान की कुदाल के साथ रहना अच्छा लगता है। राम श्रम की रोटी खाते हैं। यकीन मानिए राम उस गांधी के कलेजे में है जो मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा स्वप्न में भी नहीं सोचता है परंतु गोडसे जब गोली मारता है, तब राम उच्चरित करता है। राम का अर्थ है कलेजा राम का अर्थ है सांस राम का अर्थ है पानी राम का अर्थ है अनाज जो हम खाकर जीवित रहते हैं राम का अर्थ मंदिर नहीं है राम का अर्थ 22 लाख दीपक जलाना नहीं है। प्रधानमंत्री को स्पष्ट निर्देश दीजिए कि भारत को भारत रहने दें अपनी सत्ता की भूख मिटाने के लिए इस महान मुल्क, जो सभ्यता के उदय से इस वसुंधरा पर है, उससे उसका अस्तित्व न छीने। सत्य अहिंसा शांति एवं एकता यही तो वह "कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी"।


एक तरफ एक्सप्रेसवे एयरपोर्ट मंदिर मदिरालय  मल्टी स्टोरी बिल्डिंग निर्मित किए जा रहे हैं और दूसरी तरफ  शिक्षा  सेल्फ फाइनेंस एवं निजी हाथों में सौंप दी गई है आयुष्मान योजना को निजी चिकित्सालयों के हाथ बेच दिया गया। लोक अदालत में न्याय के नाम पर क्या हो रहा है, ? हर व्यक्ति को देखना चाहिए जो पढ़ने लिखने का दावा करता है। 


मैं यह पूछना चाहता हूं कि इसमें डेमोक्रेसी संविधान और हमारा सार्वजनिक क्षेत्र कहां गया? मैं कैसे महसूस करूं कि मैं लोकतंत्र में हूं यह मेरातंत्र है मेरे लिए है मैं कैसे महसूस करूं कि समता की आत्मा से बना एक संविधान इस देश में चलता है? क्या यह पाखंड अंधविश्वास अपराध जुर्म अन्याय देखते मर जाऊं? क्या इसीलिए हमारी मां ने हमें पैदा किया है?


आजादी के 76 वर्ष बीतते बीतते अंग्रेजों द्वारा लूट गए इस मुल्क को हिंदुस्तानी चोरों लुटेरे बलात्कारी अपराधियों ने इस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया जहां यह पहचान पाना मुश्किल है कि यह महान भारत गांधी भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस अंबेडकर एपीजे अब्दुल कलाम का है।  कोई बताएं इस माहौल में मैं बुद्ध कबीर रहीम नानक स्वामी दयानंद  सावित्रीबाई स्वामी विवेकानंद कहां खोजूं? कहां से लाऊं?

अंधविश्वास पाखंड हिंसा भय बलात्कार लूट हिंदू मुस्लिम नफरत जातीय जहर, हमारा भारत ही हमसे छीन रहा। 


जीवन मानवता लोकतंत्र संविधान हिंदू मुस्लिम एकता नारी की रक्षा की हिफाजत महंगाई समाप्त करने अंधविश्वास पाखंड मिटाने के लिए 100 से अधिक पत्र मैं राष्ट्रपति भवन को भेजा ऐसा लगता है मानो राष्ट्रपति भवन इर्विन का 'ब्रिटिश वायसराय हाउस हो"


मैं पुनः प्रार्थना करता हूं कि अयोध्या में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा जो अंधविश्वास एवं पाखंड किया जा रहा है उसे तत्काल रोकिए।जीवन एवं मनुष्यता दफन हो रही है राम दिल में रहता है पत्थर में नहीं। हमारी पीढ़ी के लोगों को इतनी भी जानकारी नहीं है कि मूर्ति पूजा पाखंड का खंडन स्वामी दयानंद1 818b और विवेकानंद 1863b ने 19वीं साड़ी में ही कर दिया था 

क्या इसी पाखंड एवं अंधविश्वास के लिए मदनलाल ढींगरा पंडित राम प्रसाद बिस्मिल अशफ़ाकउल्ला खान राजेंद्र लाहिड़ी रोशन सिंह चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह सुखदेव राजगुरु उधम सिंह ने फांसी का फंदा गले लगाया था 


प्रधानमंत्री जी कम से कम गांधी भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस अंबेडकर एवं भारत के महान संविधान को तो जीवित रखिए ताकि आने वाली पीढ़ियां यह महसूस कर सकें कि वह बुद्ध गांधी की औलादे हैं लोकतंत्र में जीती हैं और उनका एक ऐसा संविधान है जो उनके प्राण एवं जीवन की रक्षा की गारंटी देता है।


अयोध्या में मंदिर निर्माण एवं प्राण प्रतिष्ठा के पीछे अपनी सत्ता की भूख मिटाने के लिए अयोध्या में जितने पैसे का नाश किया है उससे भारत के 700 जिलों में कृषि आधारित सार्वजनिक क्षेत्र की एक-एक इंडस्ट्री स्थापित की जा सकती थी जिससे बेरोजगारी गरीबी मिट जाती और भारत दुनिया को सामान बेचकर मालामाल हो जाता। फ्री शिक्षा फ्री चिकित्सा फ्री न्याय फ्री संचार सहजता से दी जा सकती थी


महामहिम पिछली सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध इंडिया अगेंस्ट करप्शन में परम सम्माननीय अन्ना हजारे के समर्थन में 8 दिन अनशन (देवरिया के सुभाष चौक 16 अगस्त से 23 अगस्त 2011) किया था। 2014 में नरेंद्र मोदी के चुनाव में उनके कार्यक्रम "चाय पर चर्चा" गोरखपुर में मैंने आयोजित की थी जिस पर मेरे ₹6000 खर्च हुए । हम उनका तहे दिल से स्वागत कर रहे थे। 5 जनवरी तक संपूर्ण कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय नहीं लिया तो 6 जनवरी से मैं गोरखपुर बनारस इलाहाबाद लखनऊ में सत्याग्रह करूंगा और 12 जनवरी को महान वैज्ञानिक समाज सुधारक विवेकानंद की जयंती,जिन्होंने मूर्ति पूजा का जमकर खंडन किया, अयोध्या में सरजू तट पर सत्याग्रह करूंगा।


प्रतिलिपि: श्रीमान जिलाधिकारी गोरखपुर फैजाबाद बनारस लखनऊ इलाहाबाद श्रीमान एसएसपी गोरखपुर फैजाबाद लखनऊ बनारस से इलाहाबादउ .न सबके लिए सबके लिए जिनका राम उनके हृदय में बसता है


पूर्वांचल गांधी                सत्यपथ

9415418263


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