"माननीय प्रधानमंत्री जी"
'काशी सत्यग्रह 14 अप्रैल'
महंगाई'नफरत'एवं क्रूर'सत्ता के पतन के लिए
ऐसी कोई सत्ता अस्वीकार करता हूं जो हमारा जीवन"स्वतंत्रता'हमसे छीनती है.यह हमारा संवैधानिक अधिकार है.भगत सिंह "अगर कोई सरकार जनता को उसके बुनियादी अधिकारों से वंचित रखती है तो जनता का यह अधिकार ही नहीं बल्कि आवश्यक कर्तव्य बन जाता है की ऐसी सरकार को बदल दे या समाप्त कर दें
निवेदन
आटा चावल गेहूं दाल तेल चीनी दवा पर कर समाप्त कर दें निजी गाड़ियों पर पथकर समाप्त करें या प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक टोल लेन फ्री कर दें ताकि जिनके पास पैसा न हो वे कहीं आने जाने की स्वतंत्रता भी यात्रा कर सके शिक्षा चिकित्सा जनसंचार (रेल )एक समान एवं फ्री कर दें क्योंकि 5 किलो अनाज पर जीने वाले 80 करोड़ कंगाल एवं 22 करोड़ कुपोषितों के पास एक पैसे नहीं की वे बाजार से जीवन की इन जरूरतों को खरीद सके. डीजल पेट्रोल सीएनजी 50 रुपए प्रति लीटर एवं घरेलू गैस ₹500 प्रति सिलेंडर कर दें. गरीब कुपोषितों को फ्री दें यदि यह नहीं कर सकते तो मनमोहन सिंह के जमाने की कर"एवं कीमत"लागू कर दें यदि यह भी नहीं कर सकते तो सत्ता छोड़ दें अन्यथा जब तिरंगा उठाऊंगा तब झूठ'हिंसा'भय बेरोजगारी' गरीबी' नफरत' कर'एवं कीमतों"में वृद्धि' कर महंगाई की आग लगने वाली'"सत्ता का पतन करूंगा
"मुझे गांधी का'स्वराज' भगत सिंह का समाजवाद'अंबेडकर के संविधान' चाहिए"
प्रतिलिपि महामहिम राष्ट्रपति
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
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