पुनःदोहराता हूं कि इस महान मुल्क की मिट्टी हिंदू और मुसलमान की खून से बनी है

1 नवंबर 2024
"महामहिम राष्ट्रपति महोदया"
          6 दिसंबर"संसद"पर सविनय अवज्ञा"

पुनःदोहराता हूं कि इस महान मुल्क की मिट्टी हिंदू और मुसलमान की खून से बनी है इस मिट्टी पर जितना अधिकार हिंदुओं का है उतना ही अधिकार मुसलमानों का है 'हिस्टोरिकल फैक्ट"यह है कि जो हिंदू अपने को हिंदू कहता है वह हिंदू नहीं है जो मुसलमान मुसलमान कहता है वह मुसलमान नहीं है'खून'से पथ"का कोई रिश्ता नहीं है.

'अंबेडकर स्मृति दिवस'6 दिसंबर को 'संसद'पर जब 'सविनय अवज्ञा' करूंगा इस 'नफरत'को जमीन में दफन कर दूंगा, या सरकार तत्काल समाप्त कर दे

"महोदया"
ज्ञात इतिहास में "पेट पर कर"लगाने वाला कोई राजा मैं नहीं जानता हां ऐसे राजा सुल्तान जानता हूं जिसने खाने की चीजों की "कीमत नियंत्रित"कर दी थी और उसमें किसी प्रकार वृद्धि करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया था 'मार्गो पर टैक्स'पथकर लगाने वाला कोई राजा मैं नहीं जानता हां ऐसे राजा का नाम जानता हूं जिसने सड़कों के किनारे विश्रामालय'बनवाई कूप' खुदवाई.।एक बादशाह ने तीर्थ यात्राओं पर टैक्स लगाया परंतु प्रतिरोध उपरांत वापस ले लिया,परंतु भारत के प्रधानमंत्री की क्रूर' लुटेरी' नफरती 'सरकार'ने ऐसा किया। अनाज खाकर जीने वाली कोई मनुष्य जाति पेट पर कर लगा सकती है क्या? आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही पर टैक्स तो किसी क्रूर लुटेरे के दिमाग की वजह हो सकती है।ऐसी 'जालिम हुकूमत' मैं एक पल भी सहन नहीं कर सकता। इसलिए सत्य:अहिंसा' एकता की ताकत से सरकार के आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स जो "कर एवं कीमतों में वृद्धि"द्वारा हमारे जीवन'स्वतंत्रता' की हत्या करतें हैं,अंबेडकर स्मृति दिवस'6 दिसंबर'संसद'पर उसी प्रकार तोडूंगा जैसे गांधी ने क्रूर'लुटेरी'फिरंगी हुकूमत का नमक कानून तोड़ा था.

'भारत राष्ट्र"के प्रति मुसलमानों के मन में यूनिटी' इंटीग्रिटी' टूटती जा रही है। मुसलमान'हिंदुओं के प्रति नफरत' एवं आक्रोश'से भरत जा रहा है। यह 'सत्ता के भूखे भेड़ियों के भूख का नतीजा"है। इस पर विचार क्यों नहीं करते कि जब सत्ता बदलेगी (लोकतंत्र है सत्ता बदलेगी ही) हिंदू के प्रति मुसलमान का दृष्टिकोण क्या होगा? तब हिंदुत्व के हुड़दंगाई 'संविधान की दुहाई देंगे' जिसकी आज वे हत्या कर रहे हैं  'शास्त्र एवं शस्त्र'वाले हिंदू राष्ट्रवादी किसी गांधी को दोषी बनाकर उसकी हत्या कर देंगे.महोदया'हमारा लोकतंत्र'और संविधान' हमारी फांसी'और कुर्बानी' का परिणाम है न की मंदिर मस्जिद मूर्तियों से हासिल हुआ है। कुर्बानी' फांसी' स्वतंत्रता संग्राम' सब हिंदू मुस्लिम एकता' का मिसाल'है हमें दुनिया'हिंदू मुस्लिम एकता' के लिए जानती है.'भारत की'एकता' पल-पल टूट रही है, इसलिए 142 करोड लोगों को, बिना विलंब,विश्वास दिलाइए कि'मंदिर के नीचे मस्जिद तलाश की एकता खंडित'नोमेडिक'अवैज्ञानिक'असंवैधानिक 'नफरती' राइट टू फ्रीडम ऑफ़ रिलिजन'एवं 'प्लेसेस ऑफ़ वरशिप(स्पेशल प्रोविजन) एक्ट 1991 की हत्या नहीं होगी आखिर देश की 'महान अदालत'चुपचाप क्यों बैठी है भारत की एकता शीशे की तरह चकनाचूर हो जाएगी तब इसकी निद्रा टूटेगी? पुनःदोहराता हूं कि इस महान मुल्क की मिट्टी हिंदू और मुसलमान की खून से सनी बनी है इस मिट्टी पर जितना अधिकार हिंदुओं का है उतना ही अधिकार मुसलमानों का है 'हिस्टोरिकल फैक्ट"यह है कि जो हिंदू अपने को हिंदू कहता है वह हिंदू नहीं है जो मुसलमान मुसलमान कहता है वह मुसलमान नहीं है क्योंकि 'खून'से पथ"का कोई रिश्ता नहीं है 

'महोदया' जीवन मेरा मौलिक अधिकार है इसलिए मेरे जीवन की 'श्रेणीबद्ध सुरक्षा' तत्काल सुनिश्चित की जाए। हिंसा' नफरत' फैलाने वाली सरकार से मैं असुरक्षित महसूस कर रहा हूं।सरकार के भीतर और बाहर हिंदूराष्ट्र' हिंदुत्व' के गुड़दंगाई किसी समय मेरी हत्या कर देंगे क्योंकि जब तक प्राण है  गांधी'भगत सिंह'अंबेडकर'कलाम' के महान भारत"को हिंदू राष्ट्र नहीं बनने दूंगा।

प्रति :परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय
        माननीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
        मा गृहमंत्री
डॉ संपूर्णानंद  मल्ल     पूर्वांचल गांधी
सत्यपथ ps शाहपुर गोरखपुर
9415418263,snm.190907@ yahoo.in

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