"'महामहिम राष्ट्रपति महोदया "
'सम्मान देते हुए'
अपनी निजी गाड़ियों परअब टोल टैक्स नहीं दे सकता क्योंकि टोल टैक्स चुकाने के लिए हमारे पास पैसे नहीं है इसलिए 'हमारे पैरों में डाली गई जुर्म की जंजीरें'तत्काल तोड़ दीजिए इसे एक पल स्वीकार नहीं कर सकता"
मेरी गाड़ी जब सड़कों पर जाती है,टोल अड्डों पर खड़े ठग'लुटेरे गुंडे 'हमें लूट लेते हैं.एक गाड़ी खरीदने के साथ हमें "टैक्स"लूट प्रक्रिया'के एक पाइप में डाल दिया गया"हमनें लोन से गाड़ी खरीदी एक्साइज ड्यूटी'दिया'वन टाइम रोड टैक्स''दिया'रु 40-50 का डीजल पेट्रोल 100 में खरीदता हूं और जब सड़कों पर जाता हूं, (क्योंकि अपनी जमीन'अपने पैसे'अपने श्रम'से बनी सड़क) 'बेशर्म लुटेरे'टोल टैक्स'के रूप में हमें लूटते हैं? किस ज़ालिम लुटेरे ने हमारी निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स लगा दिया? बेशर्मी यह है कि माननीय सहित तीन दर्जन से अधिक VIP की गाड़ियों पर टोल टैक्स नहीं लगता यह तो 'राइट टू इक्वलिटी'के मौलिक अधिकार अनु 14-18 की हत्या है.
'महोदया'
हमें स्वतंत्रता से जीने क्यों नहीं दिया जाता?हमें टोल टैक्स के जंजीरों में क्यों जकड़ गया है? हमें "स्वतंत्रता' से जीने दीजिए निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त कर दीजिए या प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री करिए ताकि जिनके पास पैसे न हों वे भी 'कहीं जाने आने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से वंचित"न रहे. इसे एक पल स्वीकार करना'स्वतंत्रता एवं सम्मान' के मौलिक अधिकार गिरवी रखना है।फिर भी गणतंत्र दिवस तक 'स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार हासिल करने की प्रतीक्षा करूंगा। गणतंत्र दिवस'26 जनवरी'तेंदुआ टोल प्लाजा'गोरखपुर,पर इसे उसी प्रकार तोडूंगा जैसे गांधी ने क्रूर'लुटेरे'फिरंगियों का नमक कानून तोड़ा था.
प्रति : परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय
माननीय मानवाधिकार आयोग
माननीय गृह मंत्री' भूतल परिवहन मंत्री
पूर्वांचल गांधी
सत्यपथ PS शाहपुर गोरखपुर
9415418263
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