राज्यपाल महोदया,मुझे केवल न्याय चाहिए जो 'सत्य' से अभिन्न है,मैं ''योग्य हूं': पूर्वांचल गांधी

21 मई 2025
'महामहिम राज्यपाल कुलाधिपति'
 उत्तर प्रदेश
मुझे' केवल न्याय' चाहिए जो 'सत्य' से अभिन्न है 
                               ''योग्य हूं'"
Certified that 'SHRI SAMPURNA NAND MALL
Son of mother SMT SHANTI MALL-
Father SHRI KASHI MALL has qualified at the UGC NET Examination for lectureship --in the
Subject  HISTORY
He/She is declared eligible for Lectureship in Universities colleges subject to the following
conditions.
(1a)At least 55% of the marks in the Post Graduate  Degree
The validity of the certificate is parmanent।

हमने अखिल भारतीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर 'एलिजिबिलिटी'हासिल की है.मेरी योग्यता किसी शासनादेश' कुलपति' की व्याख्या का विषय नहीं है.
''महोदया'सम्मान देते हुए''
प्रथम श्रेणी PG यूजीसी नेट हूं विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों में'प्रवक्ता' के लिए'योग्य हूं मेरे योग्यता की'वैधता'परमानेंट'है। प्रथम श्रेणी PG 'यूजीसी नेट' गुड एकेडमिक रिकॉर्ड है।
Part III Sec 4 GAZETTE OF  INDIA JULY 11 2009 "NET shall remain the compulsory requiremant for appointment as lecturer even for candidates having Ph.D degree।
 UGC Regulation ANNEXTURE 3.3.0 The minimum requirements of a good academic record, 55% marks at the master’s level and qualifying in the National Eligibility Test (NET),or an accredited test (State Level Eligibility Test - SLET/SET), shall remain for the appointment of Assistant Professors.

   'मुझे आयोग्य ठहराना अपराध है'
2008,विवि ने शासनादेश में UG में 50%अंको की बाध्यता के आधार पर मुझे अयोग्य'ठहराते हुए 30.08 03 से मानदेय प्रवक्ता पद पर चली आ रही मेरी नियुक्ति रद्द करना न केवल यूजीसी रेगुलेशन एवं नेट की हत्या का'अपराध'है वरन फ्राॅडूलेंट कार्यवाहक कुलपति एके मित्तल के साढ़े तीन अक्षर के 'अयोग्य' शब्द ने मेरा जीवन'जीने का आधार'अध्ययन' अध्यापन'रिसर्च'मेधा'चरित्र'सब मुझसे छीन लिया.विवि निर्गत ऑर्डर 16.06.09 में शासनादेश"स्नातक परीक्षा न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण किए जाने के उपरांत PG स्तर पर 55% अंक एवं'नेट'या पीएच.डी होना अनिवार्य है"स्नातक परीक्षा में न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण किए जाने के 'उपरांत'शब्द'कल्पित'असत्य'एवं कूटरचित'है मुझे टर्मिनेट करने के लिए की गई है। स्नातक में 33% पाने वाला भी  PG कर सकता है और 99% पाने वाला भी परंतु 'एलिजिबिलिटी के लिए"55% PG के साथ 'नेट'अनिवार्य है।'एलिजिबिलिटी' नेट है 'पीएच.डी नहीं'। स्नातक'एवं पीजी'में कोई डिस्टेंशन के साथ पीएच.डी है परंतु नेट नहीं है,तो'इनएलिजिबल'है,स्नातक 33% है PG 55% है और नेट उत्तीर्ण है तो एलिजिबल’है "प्रवक्ता पद पद के लिए स्नातक कभी योग्यता नहीं थी।

 'विवि द्वारा स्वतः'शासनादेश'की हत्या'
शिक्षा सत्र 2006-07 में डॉ प्रेमवृत तिवारी 45% डॉ सुधाकर लाल 49% का नियमितीकरण शासनादेश की हत्या कर की गयी जबकि इस शासनादेश के तहत मेरे संपूर्ण जीवन को दफन कर दिया गया 

'योग्यता'आधारित'प्रक्रियागत'नियुक्ति'
30.08.03 मानदेय प्रवक्ता पद पर मेरी नियुक्ति'योग्यता' एवं प्रक्रिया'के तहत की गयी थी।योग्यता यानी नेट'एवं प्रक्रिया यानी 'प्रो केसी लाल समन्वयक 'संस्तुति' कुलपति रेवती रमण पाण्डेय 'अनुमोदित' कुलसचिव द्वारा 'निर्गत 'नियुक्ति आर्डर'

       ''उत्तम शैक्षिक अभिलेख’'
             'रिसर्च एबिलिटी'
प्रथम श्रेणी PG'यूजीसी नेट'JRF आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया'। इंडोलॉजी'आर्कियोलॉजी'कल्चर'हिस्ट्री विषय में मुझसे उत्तम शैक्षिक अभिलेख इस विवि में किसी आचार्य के पास नहीं. देलही यूनिवर्सिटी के विख्यात इतिहास विभाग से पुरातत्व'इतिहास'में पीएच.डी,पीएचडी कोर्स वेर्क के दौरान 'हिस्टोरियॉग्राफी' में मैंने आठ 'टर्म पेपर'सबमिट की,मेरी शोध पुस्तक"पुरातत्व की अनुसंधान प्रणाली"विश्वविद्यालयों में पीजी स्तर पर 'मेथड्स एंड थ्योरी'की पाठ्य पुस्तक है। पुस्तक फ्लिपकार्ट अमेजॉन पर उपलब्ध है। विश्वविद्यालयों में मेरी पुस्तक PG पुरातत्व मेथड्स एंड थ्योरी की पाठ्य पुस्तक है. AHAC विभाग के प्रो राजवंत राव प्रो शीतला प्रसाद सिंह प्रो दिग्विजय नाथ के पास मेरी पुस्तक है पुस्तक विख्यात रिसर्च इंडिया प्रेस संगम विहार नई दिल्ली से प्रकाशित। मेरी 'रिसर्च एबिलिटी”का मूल्यांकन पूर्वी भारत के एकमात्र जीवित 'इंडोलॉजिस्ट'हिस्टोरियन प्रो.जयमल राय (93)कर सकते हैं. 
9450886796   8887577547
   
  'कुलसचिव का आर्डर'नोटिस'
योग्यता आधारित मेरी नियुक्ति ऑर्डर कुलसचिव द्वारा 30 अगस्त 2003 को निर्गत किया गया है परंतु योग्यता आधारित मेरे 'अनुमोदन निरस्तीकरण' की कोई नोटिस 11/16 जून 2009 को मुझे जारी नहीं 
 
  'यूजीसी के पत्र का जवाब क्यों नहीं?
पत्र 28 अगस्त 2008 जिसमें यूजीसी द्वारा कुलपति गोरखपुर विश्वविद्यालय को लिखते हुए निर्देशित किया गया है कि संपूर्णानंद मल्ल प्रवक्ता मानदेय राष्ट्र गौरव एवं पर्यावरण अध्ययन हिंदी विभाग दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर वि.वि द्वारा प्राप्त इस पत्र की प्रतिलिपि जो कि मानदेय शिक्षक के रूप में 'अनुमोदन एवं भुगतान' के संबंध में है आपसे अनुरोध है कि इस संबंध में जांच कर उचित कार्रवाई की जाए तथा  प्रार्थी को सीधे जवाब देकर आयोग को भी सूचित करें। कुलपति ने यूजीसी के पत्र का जवाब दिया या नहीं? परंतु कुलपति की ओर से मुझे उक्त पत्र का कोई जवाब नहीं मिला 

 "विश्वविद्यालय यूजीसी तय करें हमारा  जीवन सम्मान हर्जाना कौन देगा"?
विश्वविद्यालय यदि 28.8.2008 यूजीसी के पत्र के जवाब  में इस बात का समाधान कर लिया हो कि"राष्ट्रीय पात्रता"नेट' को शासनादेश'कुलपति''म्यूट'कर सकता है 'समाप्त'कर सकता है'इनएलिजिबल'घोषित कर सकता है तो यूजीसी 30 अगस्त 2003 से अबतक प्रमोशन'एवं वरिष्ठता के क्रम में मेरे वेतन का भुगतान करें यदि विश्वविद्यालय ने यूजीसी से इस संदर्भ में कोई पत्राचार नहीं किया है या शासनादेश कुलपति को यूजीसी रेगुलेशन नेट म्यूट करने का न केवल अधिकार नहीं है वरन ऐसा करना अपराध है तो दीदउ विश्वविद्यालय 30 अगस्त 2003 से प्रमोशन एवं वरिष्ठता अनुसार प्रोफेसर पद पर मेरी नियुक्ति करे मेरे वेतन का भुगतान करें। इसके अतिरिक्त विवि यह बताएं कि मेरा अध्ययन अध्यापन अनुसंधान चरित्र मेधा अनुशासन जो अ योग्य ठहराने से दफन हो चुका है उसकी भरपाई कैसे करेगा है? 
  
    "तथाकथित नियुक्ति मानहानि"
 'टर्मिनेशन पत्र में विवि ने मेरी नियुक्ति को 'तथाकथित नियुक्ति' शब्द से संबोधित कर समाज में मुझे’बेइज्जत की 'अपमानित'किया क्योंकि मीडिया मुझे'तथाकथित प्रोफेसर लिखती है विश्वविद्यालय में तथाकथित नियुक्ति नहीं होती तथाकथित नियुक्ति जैसा कोई पद नहीं है
     "मानदेय का भुगतान क्यों नहीं?
शिक्षा सत्र 2007-08,में शिक्षण कार्य लेने एवं समन्वयक राष्ट्र गौरव पर्यावरण द्वारा अनुमोदन एवं मानदेय भुगतान के लिए पत्र लिखने के बावजूद मानदेय भुगतान क्यों नहीं किया? यह'शोषण'अपराध'है 
     'दर्जन पत्रों का जवाब क्यों नहीं?
1 सितंबर 2024 से एक दर्जन से अधिक'पत्र /ज्ञापन'प्रेषित किया किसी का कोई जवाब नहीं।
 'AHAC विभाग को मेरी आवश्यकता'           
इस विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास पुरातत्व संस्कृति विभाग में 'पुरातत्व'की रिसर्च मेथाडोलॉजी "मेथड्स एंड थ्योरी' का कोई आचार्य नहीं है'हिस्टोरियॉग्राफी'में"टीचिंग एंड रिसर्च” डेड'है दोनों ही मेरे रिसर्च'का विषय है। उक्त विभाग मे आचार्य पद पर मेरी नियुक्ति'मेथाडोलॉजी एवं हिस्टोरियॉग्राफी 'के अध्ययन को समृद्ध करेगा।

फ्राॅडूलेंट कार्यवाहक कुलपति के अपराध
विवि के फ्राॅडूलेंट कार्यवाहक कुलपति एके मितल  के इतने अपराध हैं जिसे क्षमा नहीं किया जा सकता उसके साढ़े तीन अक्षर के अयोग्य’शब्द ने न केवल'मेरे जीवन का आधार जीविका छीनी'वरन विवि को एक मेधा'रिसर्च’अनुशासन’से वंचित कर दिया।

 मुझे'न्याय'चाहिए जो'सत्य'से अभिन्न है'
विद्यासंकुल की अधिष्ठात्री'कुलाधिपति'महामहिम राज्यपाल  से यही निवेदन करता हूं विवि अपने काले कारनामें पर सफेद पट्टी लगाते हुए 30 अगस्त 2003 से वरिष्ठतानुसार आचार्य पद पर मुझे नियुक्त कर दें.
मा.कुलपति से महामहीम राज्यपाल कुलाधिपति को,सितंबर 24 से अब तक एक दर्जन'पत्र ज्ञापन'प्रेषित कर चुका हूं श्रीमान आयुक्त'जिलाधिकारी'एसएस.पी द्वारा भी मैंने ज्ञापन प्रेषित किया.'योग्य को अयोग्य’ठहराने के 'अपराध'पर विराम कब लगेगा? मा.कुलपति प्रो पूनम टंडन, ऐसा लगता है फ्राॅडूलेंट बर्खास्त VC के निर्णय से सहमत हैं। उल्लेखनीय है कि अयोग्यता' एवं अप्रूवल'निरस्त'करने की कोई नोटिस मुझे कुलसचिव द्वारा नहीं मिली है।
विवि के जुर्म एवं अपराध को मैं अब और अधिक नहीं सह सकता बिल्कुल नहीं। 29 अगस्त 11 am से विवि गेट पर 'पिकेटिंग'करूंगा महामहिम का'इफिगी बर्न'करूंगा जो मेरा मौलिक अधिकार है. यदि बल प्रयोग किया गया तो आंख पर काली पट्टी बांधकर सत्याग्रह करूंगा यदापि मेरे फेफड़े एवं लीवर में सूजन है तथापि अनशन पर बाध्य होऊंगा इसके लिए मा.कुलपति जिम्मेदार होगी प्रशासन मुझे घर में अरेस्ट न करें इससे अच्छा है यूजीसी रेगुलेशन नेट की हत्या कर मुझे अयोग्य ठहराने वालों के विरुद्ध अपराध का मुकदमा पंजीकृत करें आखिरी यह सिस्टम ऐसे कब तक चलेगा? क्यों चलेगा? यदि प्रथम श्रेणी PG यूजीसी नेट योग्य नहीं तो विवि के 300 आचार्य में योग्य कौन? 300 अयोग्य आचार्य इस विवि को कैसे चला रहे हैं?और यदि वे योग्य है तो मैं अयोग्य कैसे? 

प्रति:-मा. अध्यक्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग' मा कुलपति' मा. प्रतिकूलपति'श्रीमान कुलसचिव DDU गोविवि मा सदस्य गण कार्य परिषद'गोविवि मा सदस्य विधान परिषद देवेंद्र प्रताप सिंह मा सदस्य विधान परिषद धर्मेंद्र सिंह
मा.मुख्यमंत्री'उच्च शिक्षा मंत्री'श्रीमान मुख्य सचिव'सचिव उच्च शिक्षा'उत्तर प्रदेश 
श्रीमान आयुक्त' जिलाधिकारी'एसएसपी गोरखपुर

डॉ संपूर्णानंद मल्ल            
    पूर्वांचल गांधी
प्रथम श्रेणी PG' UGC NET'JRF ASI' पीएच.डी D.U 
सत्यपथ गोविंद नगरी बशरतपुर थाना शाहपुर गोरखपुर 
9415418263 snm. 190907@yahoo. co. in

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ