राजनीति के क्षत्रपो की सिंहासन लिप्सा अपराधियों का शरणगाह है,इनके रक्षण,संरक्षण और प्रतिरक्षण के प्रति इनका मोह सार्वभौमिक सत्य है l जो राजनीतिज्ञ देश के सर्वोच्च पद की शपथ ले लेता है उससे थोड़ी नैतिकता , सम्यक कर्तव्यो के निर्वहन , स्वस्थ कानून व्यवस्था के अनुपालन ताकि देश की एकता और अखण्डता अक्षुण्ण रह सके,कि अपेक्षा तो की ही जा सकती है l देश के शासक दल आवरण में अपने लाभ और विरोधियों के दमन के लिये समय-समय पर जाँच एजेंसियों का दुरूपयोग करते रहे हैं l चाल, चरित्र और चेहरे से उनके शातिराना हरकतों का अन्दाजा लगाना मुश्किल है , कुछ विशेष लोग ही इन साजिशों की बूँ सूँघ पाते हैं l आज कल जिस तरह से सरकार द्वारा,माफिया,उद्योगपति व मीडिया के गठजोड़ से विपक्षियों के दमन के लिये सरकारी मशीनरी का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग किया जा रहा है , यह प्रत्यक्ष रूप से लोकतंत्र की बेरहमी से हत्या किये जाने का कुचक्र है l कुछ दिन पूर्व उप्र के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को काले झंडे दिखाने का प्रयास करने वाले छात्रों को गंभीर धाराओं में आरोपित कर ज़ेल भेज उनके कैरियर खराब कर दिये गये , पुलिस ने उनके साथ जघन्य अपराधियों सी क्रूरता की l आज गुजरात में राहुल गांधी की गाड़ी पर पथराव किया गया पुलिस के सहयोग से काले झंडे दिखाये गये , इस घटना की मजम्मत करने की बजाय भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता का उपद्रवियों के समर्थन में उतरना और बचाव में यह कहना कि उन्हें अपराधी न कहा जाय , इस बात का द्योतक है कि देश में सभी उत्पातों के पीछे इन्ही की साजिशें हैं l लोकतंत्र खतरे में है l पूंजीवाद और फांसीवाद की स्थापना के लिये लोकतंत्र की निर्मम हत्या की ये कुटिल चालें हैं l
*गौतम राणे सागर*
राष्ट्रीय संयोजक
संविधान संरक्षण मंच।
2017 में व्यक्त विचार की प्रासंगिकता के महत्व के दृष्टिकोण से आज पुनः अग्रसारित करने की प्रबल इच्छा को न रोक पाने के विवशता से प्रसारित कर रहा हूँ।
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