श्री सिद्धेश्वर महादेव धाम सिधौली में हरितालिका ब्रत का42वां वार्षिकोत्सव सम्पन्न ।
कथा व्यास आचार्य अनिल शास्त्री ने इस ब्रत कामहत्व बताया कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने कठोर तपस्या की थी तभी से न हरवर्ष यह ब्रत हरितालिकातीज के रूप में मनाया जाता है।सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और अखण्डसौभाग्य की कामना से निर्जला व्रत किया जाता है।कुमारी कन्याओं को मनोवांछित वर के लिए व्रत करती हैं।
24घण्टा बिना पानी पिए निर्जला व्रत,रात्रि जागरण,सन्ध्या-मध्यरात्रि-प्रात: 4बजे तीन आरतीपूजन, के साथ शिव-पार्वती की विशेष पूजा की जाती है।
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
श्री सिद्धेश्वराय नमः श्री सिद्धेश्वराय नमः श्री सिद्धेश्वराय नमः श्री सिद्धेश्वराय नमः ।का पंचाक्षरी मंत्र, शिव स्तुति,रूद्राष्टकम् के गायन के साथ कार्यक्रम को विरामदिया ।
महिलाओं ने शिव-पार्वती विवाह आदि के भजनों का सुंदर गायन कर जागरण किया ।पं.सुधीर मिश्रने हरितालिका व्रत कथा सुनाई ।
मंचासीन कथा व्यास आचार्य अनिल शास्त्री का श्री सिद्धेश्वर राधाकृष्ण मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अनिल मिश्र-, महामंत्री रघुबर दयाल शुक्ल गुरु जी,आडीटर राम आसरे पाण्डेय, कोषाध्यक्ष आलोक जायसवाल, पदाधिकारियों में वेद प्रकाश मिश्र, शशांक मिश्र,हरीनिगम,रामनरेश राजपूत ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।
श्री मद् परमहंस स्वामी प्रकाशानन्द सरस्वती जी ने दूरभाष पर सभी महिलाओं को आशीर्वाद दिया और प्रसाद की व्यवस्था की ।।
इस अवसर पर शान्ति-सुरक्षा के दृष्टिकोण से नवागत कोतवाल ब्रजेश कुमार त्रिपाठी द्वारा महिला-पुरूष आरक्षियों की ड्यूटी मंदिर पर लगाई गई ।।श्री सिद्धेश्वर महादेव धाम सिधौली ने सभी महिलाओं और उपस्थित जनों को धन्यवाद के साथ स्वागत आभार व्यक्त किया है।।
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