गोरखपुर के खोजी पत्रकार सत्येंद्र से जुड़े प्रकरण में एक बड़ी जानकारी सामने आई है । सत्येंद्र कुमार के मुताबिक बीच चौराहे पर पुलिस जीप से ठोकर मारकर घायल करते हुए उनका अपहरण करने का प्रयास 23 फरवरी 2023 को किया गया था जिसकी मानवाधिकार आयोग से शिकायत कर संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी । इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने मई 2023 में ही गोरखपुर के कप्तान को कार्यवाही करने का निर्देश दिया था । बताया जा रहा है कि पुलिस इस आदेश को जानबूझकर दबाए बैठी रही और अंदर ही अंदर पत्रकार सत्येंद्र के खिलाफ साजिशन गैंगेस्टर के कार्यवाही का खीचा जाने लगा ।
क्या अन्य मामलों की तरह आज भी गोरखपुर पुलिस के पास इस बात का जवाब नही है कि 23 फरवरी 2023 तक जब सत्येंद्र के खिलाफ कोई गिरफ्तारी वारंट अस्तित्व में नही था और न ही उन पर सात साल से ज्यादा की सजा में कोई अभियोग दर्ज था, तो फिर पुलिस ने खोजी पत्रकार सत्येंद्र को इस तरह भयानक तरीके से बीच चौराहे से आखिर उठाया क्यों ? क्या सत्येंद्र को वाकई गायब कर देना ही पुलिस का मकसद था ?
वजह जो भी रही हो, बहरहाल बीच चौराहे पर जीप की ठोकर से घायल पत्रकार सत्येंद्र को पब्लिक विरोध के कारण चुपचाप उठाने में पुलिस सफल नही हो सकी थी । इस प्रकरण में न्यायिक जाँच कराए जाने के प्रशासनिक आश्वासन के बाद भी अब तक न्यायिक जाँच का क्या हुआ कुछ पता नही है लेकिन इतना जरूर पता है कि यदि न्यायिक जाँच हो गयी तो कईयों की कुंडली खुलकर सामने आ जायेगी ।
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