रंगमंच ललित कला एवं साहित्य को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती जिला इकाई कुशीनगर के साहित्य विधा की ओर से "साहित्य और समरसता " विषयक कवि गोष्ठी एवं विचार गोष्ठी सोमवार को देर शाम महर्षि अरविंद विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय केशव नगर कसया के सभागार में संस्था के उपाध्यक्ष आलोक कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
प्रारंभ में विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर हुआ। कार्यक्रम संयोजक साहित्य विधा प्रमुख वंदना मद्धेशिया ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए अपनी रचना पढ़ी। नारी सशक्तिकरण पर कहा कि "अपना चीर बचाने को अब, माधव को अब ना याद करो" दिनेश तिवारी भोजपुरिया ने "दुअरा के बांटी बांटी के, के आंगन चुरा लेहल?" भावपूर्ण कविता पढ़ी। डा अम्बरीष विश्वकर्मा ने "बस मुझे गाया जाए हिंदी में, भारत मां की बिंदी में" कविता पढ़कर सभी को राष्ट्रीय भावना से ओत प्रोत किया। किरन जायसवाल ने समरस जीवन पर "चप्पा चप्पा दीप चले, आओ मां के घाट सजायें" कविता पढ़ीं। एडवोकेट सरिता मिश्रा ने "जब छोटी सोच उपजती है तो हर जगह मेरा अपमान हुआ" कविता से सभी के मन को झकझोर दिया। मंत्री अशोक कुमार, सह साहित्य विधा प्रमुख डॉक्टर सुमन मणि त्रिपाठी, जनार्दन जी आचार्य, अर्चना श्रीवास्तव ने भी गीत प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता बुद्ध पीजी कॉलेज कुशीनगर के हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉक्टर गौरव तिवारी ने कहा कि साहित्य और समरसता यह हृदय का विषय है न कि मस्तिष्क का। जो हमारे हृदय को उद्दात बनाती है वह साहित्य समरसता से पूर्ण होती है। कहा कि सूरदास के सूरसागर में गोपियां निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र थी यहां समरसता और भक्ति का उच्चतम भाव था। सुरेश प्रमाद गुप्त ने समरसता को विस्तार से परिभाषित किया ।विशिष्ट अतिथि डॉ रविशंकर प्रताप राव ने समरस समाज में समाज का अंतिम व्यक्ति भी सुखमय जीवन व्यतीत करता है। प्रधानाचार्यद्वय गोविंद चौबे, रामजी सिंह, पूर्व न्यायाधीश संतोष कुमार , डॉक्टर योगेश कुमार मद्धेशिया, डॉक्टर रंजना मद्धेशिया ने भी अपने विचार व्यक्त किये। संचालन सह मंत्री राजू मद्धेशिया ने किया ।आभार उपाध्यक्ष अशोक जैन ने प्रकट की। प्रारंभ में ध्येयगीत साध्याति संस्कार भारती एवं अंत में वंदेमातरम् का सामूहिक गान हुआ। छात्रावास प्रमुख राजन राव, संगीत अचार्य जगदीश सिंह, रामेश्वर मद्धेशिया, उमेश चंद्र गुप्त, विजय बहादुर यादव, अतुल कुमार सिंह, मृत्युंजय पाण्डेय, प्रियांशु राव, सुनील कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।
*दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट*
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