अंतराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन स्थली कुशीनगर भगवान बुद्ध की पवित्र महापारिनिर्वाण स्थली होने कारण पूरी दुनिया से बौद्ध अनुयायी व पर्यटक यहाँ बुद्ध के दर्शन के लिए आते हैl कुशीनगर बुद्ध की पवित्र स्थली होने के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहाँ अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन किया l उस समय उद्घाटन के दौरान एक जेट विमान और कुछ यात्री श्रीलंका से आये l उसके बाद से यहाँ कोई इंटरनेशनल फ्लाइट नहीं आया l
जबकि कुशीनगर बौद्ध आस्था का केंद्र होने के कारण पूरी दुनिया से बौद्ध भिक्षु, बौद्ध अनुयायी व पर्यटक आते रहते हैं, लेकिन कुशीनगर से अंतराष्ट्रीय उड़ान की सुविधा न होने से पर्यटको क़ो कॉफी असुविधा होती है,और वे मायूस होते हैं l
उक्त बाते अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर बुद्ध विहार कुशीनगर भिक्षु महेंद्र भन्ते थेरो ने बुद्ध विहार कार्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए कहीं l भन्ते महेंद्र ने आगे कहा कि भगवान बुद्ध की महापारिनिर्वाण स्थली होने के कारण कुशीनगर में एयरपोर्ट निर्माण के बाद भी देशी व विदेशी उड़ान न होने से बौद्ध अनुयायियों या पर्यटको क़ो बड़ी असुविधा होती है व उन्हें कॉफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है l कुछ पर्यटक यहाँ आने की इच्छा तो रखते है, लेकिन एयरपोर्ट से देशी -विदेशी उड़ान या रेलवे व बसों की सुविधा न होने से कुशीनगर सीधे नहीं पहुंच पाते हैं l
उन्होंने कहा इसके साथ ही कुशीनगर आये पर्यटक अन्य बौद्ध तीर्थ स्थलों पर जाने की सीधा सुविधा न होने से वहाँ नहीं जा पाते हैं l पहले एक स्पाइस जेट विमान कुशीनगर से दिल्ली के लिए उड़ान भरती थी, लेकिन वह भी बंद हो गया l
इस समय पर्यटन का सीजन चल रहा हैं, और यह जुलाई से लेकर अप्रैल के फर्स्ट वीक तक चलता है, इस दौरान में कॉफी संख्या में देशी व विदेशी पर्यटक कुशीनगर भगवान बुद्ध के दर्शन के लिए आते है, लेकिन कोई सुविधा न होने से कॉफी निराश होते हैं l उन्होंने कहा कि थाईलैंड, वर्मा, श्रीलंका आदि देशो से हमारी बात होती हैं तो, वे कहते हैं कि यहाँ से सीधा फ्लाइट की सुविधा हो जाती तो कॉफी संख्या में पर्यटक आते l उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से श्रीलंका, वर्मा, थाईलैंड के लिए सीधी उड़ान के लिए बात चला था, लेकिन अभी तक नहीं हुआ l
अगर देशी या विदेशी पर्यटक आते हैं तो उनको फ्लाइट के साथ ही रेलवे या बसों की सुविधा भी सीधे नहीं हैं l कई बार सर्वे हुआ, लेकिन रेल की सुविधा नहीं बनी l बसों की सुविधा न होने से पर्यटको क़ो यहाँ से लूम्बनी, सारनाथ, श्रावस्ती आदि बौद्ध स्थलों पर जाने में कॉफी मुश्किल होती है, उन्हें कई जगह बसें बदलनी पड़ती हैl भिक्षु संघ का कहना है कि अंतराष्ट्रीय व घरेलू उड़ान शुरू हो जाने तथा रेल व बसों की सुविधा बन जाने से कॉफी संख्या में यहाँ यात्री व पर्यटक आएंगे, जिससे आम लोगो से लेकर, सब्जी बेचने वाला, होटल व्यवसाय व अन्य का भी लाभ होगा और सरकार की आय भी बढेगा l
भिक्षु संघ सरकार से मांग करता हैं कि कुशीनगर एयरपोर्ट से सभी बौद्ध देशो व भारत के अन्य बौद्ध स्थलों तक जल्द से जल्द उड़ान सेवा शुरू किया जाय तथा कुशीनगर क़ो रेलवे लाइन से जोड़ा जाय, इसके साथ ही बौद्ध स्थलों के लिए सीधे बस सेवा भी शुरू किया जाय l
इसी क्रम में बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति व राष्ट्रीय समन्वय बौद्ध धम्म संसद बोद्ध गया के अभय रत्न बौद्ध ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कुशीनगर बुद्ध की अंतराष्ट्रीय पर्यटक स्थली है l कुशीनगर में आने जाने वाले पर्यटको की सुविधा के लिए 2013 -14 से ही देश के प्रधानमंत्री, रेल मंत्री व मुख्यमंत्री आदि से कुशीनगर क़ो रेल लाइन से जोड़ने की मांग कर रहा हूँ,जिसका सर्वे भी सरदारनगर, हेतिमपुर, हाटा, बेलथरा, रामपुर आदि क्षेत्र का हुआ व इसके लिए 14.67 करोड़ रूपये का बजट भी पास कराया, लेकिन सरकार की ढुल मूल नीति के कारण यह प्रोजेक्ट बंद है l जबकि दूसरे जिलों में ऐयरपोर्ट आदि बनाए जा रहें हैं, तथा भारत के तमाम जगहों पर रेल लाइन बनाया जा रहा हैं, फिर कुशीनगर अंतराष्ट्रीय पर्यटक स्थली होने के बावजूद सरकार यहाँ के सुविधाओं में भेद -भाव क्यों कर रही हैं l श्री बौद्ध ने आगे कहा कि कुशीनगर बुद्ध मार्ग पर सड़क किनारे पर्यटको की सुविधा के लिए आधुनिक ट्वायलेट, बाथरूम आदि बनाने व अंतराष्ट्रीय बुद्ध गमन मार्ग पर सड़क के दोनों तरफ भगवान बुद्ध के चित्रों से सजाने की मांग किया था, लेकिन नहीं हुआ l इसके साथ ही जो रेल मार्ग बनने का प्रस्ताव बना है उसको भटनी जक्शन से जोड़ दिया जाय, ताकि दोनों तरफ से रेल का आवागमन होता रहें l इसी के साथ कुशीनगर में 100 बेडो वाला एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने की मांग किया था, जिससे आने -जाने वाले पर्यटको के बीमार पड़ने या कोई अन्य घटना व दुर्घटना होने पर दूर न जाना पड़े,उन्हें तत्काल मौके पर ही सुविधा मिले l इनमे किसी काम क़ो पूरा नहीं किया गया l सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, अयोध्या में अरबो खरबो रूपये खर्च हो रहा है, तो अंतराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन स्थलो पर क्यों नहीं? केंद्र व राज्य सरकार बौद्ध स्थलों पर विकास के नाम पर भेद भाव कर रही है l श्री बौद्ध ने कहा कि यहाँ की परियोजनाओं क़ो रोका जा रहा है l दिल्ली से यहाँ के लिए करोड़ो रुपया आया, लेकिन खर्च नहीं हो रहा है l अंतराष्ट्रीय पर्यटन होने के नाते कुशीनगर के विकास व यहाँ के सुविधाओं के लिए सरकार क़ो ध्यान देने की जरूरत है l इस दौरान कई बौद्ध भिक्षु मौजूद रहे l
*दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट।*
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