" महामहिम राष्ट्रपति"
'महान मजदूर' एवं 'महान मजदूर दिवस' को सलाम'
महोदय'
'" प्रतिदिन अधिकतम 8 घंटे श्रम"तय करने के लिए' एक मई 1886 को शिकागो में मजदूरों का सम्मेलन.तब से एक मई मजदूर दिवस रूप में मनाया जाता है.
भगत सिंह जेल नोटबुक
"भारत में व्याप्त परिस्थितियों मे समाजवाद एक तर्कसंगत रास्ता है"
सार्वजनिक संस्थाओं के पतन की कीमत पर भारत में "प्रचंड पूंजीबाद' क्यों?
पूंजी'एवं निजीकरण ज्यों-ज्यों बढ़ते जाएंगे पेंशन यों हीं समाप्त होती जाएगी.
निजीकरण की खेती 'मजदूरी'रूपी खाद से लहलहाती है. निजीकरण मजदूर की मजदूरी उससे छीन लेती है.
मुझे यह जानकारी है की झारखंड की कुछ कंपनियों में आज भी श्रमिकों से 12 घंटा काम लिया जा रहा है.और दिन के हिसाब से वेतन मिलता है. कोई साप्ताहिक छुट्टी नहीं है.
'महोदया "
क्या करें?
1/प्रत्येक श्रमिक़ किसान जो खेती के काम में लगा है, मजदूरी करता है दो हज़ार प्रतिमाह वेतन दें. मजदूर' किसान की उम्र 50 वर्ष पूर्ण होने पर पांच हज़ार प्रतिमाह पेंशन दिया जाए क्योंकि 50 वर्ष की उम्र पूरी होते-होते किसान मजदूर वेदम हो जाता है.
2/ 8 घंटे से अधिक काम "अपराध का कानून" बनाया जाए
3/ एक मई मजदूर दिवस 'राष्ट्रीय छुट्टी' घोषित की जाय.। क्योंकि मजदूर भी यह समझ सके कि इस महान राष्ट्र को खड़ा करने में उसका कितना योगदान है
राष्ट्रपति भवन मेरे प्रत्येक पात्र का उत्तर दें ताकि मैं महसूस कर सकूं कि मैं गणतंत्र का एक नुमाइंटा हूं.
प्रतिलिपि:-- मा प्रधानमंत्री गृह मंत्री लॉ मिनिस्टर एनवायरमेंट मिनिस्टर ह्यूमन राइट्स कमिशन
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
9415418263
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