ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के 9 वें दीक्षांत समारोह में में मुख्य अतिथि के रूप व्याख्यान देते हुए आनंदीबेन पटेल महामहिम राज्यपाल उप्र ने दावा किया कि हवाई जहाज का निर्माण राईट ब्रदर्स ने की थी। किटी हॉक नॉर्थ कैरोलिना समुद्र तट पर 17 दिसम्बर 1903 को उनकी पहली हवाई यात्रा न थी और न ही इन्होंने इसकी खोज की थी। उनके दावे के मुताबिक़ ऋषि भारद्वाज ने हवाई जहाज की खोज की थी, पहली हवाई यात्रा शिवकर बापूजी तलपड़े ने मानवरहित विमान से चौपाटी पर 1895 में की थी। जिसने 1 किमी की उड़ान भरी थी। यह प्रयोग राईट ब्रदर्स के प्रयोग से नौ साल पहले हो चुका था। उनके दावे को आधार मान लें तब ऋषि भारद्वाज ने कोई कागज़ की जहाज बनाई होगी जिसे अपने तपोबल से एक किमी तक हवा में उड़ा दिया होगा।
आगे अपने ज्ञान के विस्तार या पांडित्य प्रदर्शन में वह स्वीकार करती हैं कि कुंभकर्ण तकनीक के मर्मज्ञ थे। उनके साथ छह महीने सोने और छह महीने जगने की जो अफ़वाह फैलाई गई है वह निरर्थक और निराधार है। रावण की हिदायत के मुताबिक वह तकनीक विकास के लिए छह महीने तक गुप्त स्थान पर रहकर प्रयोग और नवीन ख़ोज करते थे।
रावण यानि एक राक्षस कुलस्त्य के पौत्र विश्रवा और केकसी के पुत्र, कुंभकर्ण रावण का भाई प्रविधि तंत्री, दोनों की हत्या की राम ने, यानि राम तकनीक का हत्यारा। श्रीमती पटेल यथार्थ कह रही हैं तकनीक का ज्ञान उन्हीं के पास था जिन्हें राक्षस घोषित किया गया है।
आज भी रामराज्य में तकनीक पर परिचर्चा आमन्त्रित होने के बरअक्स , पुरातन, आगतन, अनागतन , सनातन और परम्परा को विचारणीय बिन्दु बनाना तकनीक को ख़ारिज करना है। प्रबुद्ध और प्रवीण लोगों को ख़ुद की समझ में यह बात ठूसने की जरूरत है कि सनातन का मतलब तकनीक का सत्यानाश, क्योंकि इनमें चमत्कार बेबुनियाद बातों और हथकंडों का ज्ञान है। विज्ञान इनके पाखंड और ढकोसले की धज्जियां उड़ा देता है। फलस्वरूप यह विज्ञान को ध्वस्त करने की साज़िश करते रहते हैं। मज़े की बात यह है कि विज्ञान विकास के आवरण में ही विज्ञान की कब्रें खोदी जा रही है।
*गौतम राणे सागर*
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