"माननीय प्रधानमंत्री गृह मंत्री रेल मंत्री वित्त मंत्री भूतल परिवहन मंत्री जी"
'पंच माननीय "
आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा पर gst एवं निजी गाड़ियों टोल टैक्स'तोडूंगा इसे अब और अधिक सहना' "जीवनस्वतंत्रता' गंवाना है
प्रेसिडेंट हाउस'पीएमओ'गृह मंत्रालय'वित्त मंत्रालय'भूतल परिवहन मंत्रालय'रेलवे मंत्रालय'को कई सौ पत्र लिखा ज्ञापन भेजा कहीं से कोई जवाब नहीं। लगता ही नहीं युक्त मंत्रालयों में जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि बैठते हों.पत्र/ज्ञापनों में मैंने उनकी कुर्सी नहीं मांगी,इतना ही निवेदन किया था कि आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा पर टैक्स समाप्त कर दें क्योंकि यह पेट है'प्राण है'जीवन है'.इस पर टैक्स तो कोई क्रूर लुटेरा ही लगा सकता है इतिहास में इसपर टैक्स लगाने का प्रमाण नहीं है उल्टे एक राजा/सुल्तान ऐसा हुआ जिसने खाने पीने की चीजों का दाम नियंत्रित कर दिया. निंजा गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त कर दें क्योंकि यह 'कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार'की हत्या है या प्रत्येक टोल पर एक टोल लेने फ्री कर दें ताकि जिनके पास पैसे न हो वह भी यात्रा कर सके.शिक्षा चिकित्सा और रेल "एक समान शुल्क रहित' कर दें ताकि 5 किलो अनाज में जीवन खोजने वाले 80 करोड़ कंगाल'एवं 22 करोड़ कुपोषित'जीवन की उक्त ज़रूरतें पा सकें. बेशर्म अनुशासनहीन व्यवस्था' विधायिका कार्यपालिका के सदस्यों को उक्त सारी सुविधाएं फोकट में हासिल है और फतेहाल'गरीब'कुपोषित जनता प्राण'पर और पथपर पर कर दे रही है।
पंच माननीय'के पास अब भी वक्त है पेट'पथ'शिक्षा'चिकित्सा' रेल'के कर'एवं कीमतों'में जो वृद्धि की गई है उसे संविधान दिवस 26 नवंबर से पूर्व समाप्त कर दें अन्यथा कर"एवं कीमतों में वृद्धि के आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स'उसी प्रकार तोडूंगा जैसे गांधी ने क्रूर लुटेरी फिरंगी हुकूमत का नमक'कानून तोड़ा था जब आपका सच लोगों को बताऊंगा तब गांधी भगत सिंह पटेल अंबेडकर कलाम के इस महान मुल्क में आप का सर्वाइवल कठिन हो जाएगा.मा.मा गृह मंत्री जी से Z+सुरक्षा
देने की गुहार लगाता हूं ताकि जीवन बच सके.
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
9415418263
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