उत्तर प्रदेश में सत्ता के दो केंद्र बनाकर योगी और राजनाथ के बीच टकराव की साजिश!
जब 2017 में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया तब कुछ लोगों ने यह कहा था कि राजनाथ सिंह को कमजोर करने के लिए योगी आदित्यनाथ को लाया गया है।
लेकिन पूर्वांचल के बाबू साहब ने उत्तर प्रदेश में राजनीति का ककहरा सीखा है।
एक अलग तरीके से अपनी राजनीति करने वाले राजनाथ सिंह को योगी आदित्यनाथ से भिड़ाने के लिए बड़ी बड़ी राजनीति की गई।
पूरी भारतीय जनता पार्टी जानती है कि पंकज सिंह को योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में क्यों नहीं शामिल किया गया जब कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके लिए तैयार थे ।
योगी आदित्यनाथ से नफरत करने वाले लोग एक बार फिर से सक्रिय हो गये है।
केशव प्रसाद मौर्य,बृजेश पाठक, पंकज चौधरी और अरविंद शर्मा को कभी मुख्यमंत्री पद का ख्वाब दिखाने वाले लोगों ने एक बार फिर से नई चाल चली है।
लखनऊ से सांसद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देश के पूर्व गृह मंत्री और वर्तमान रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश में ही राजनीति का ककहरा सीखने वाले राजनाथ सिंह को एक बार फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऑफर दिया गया है
ताकि उत्तर प्रदेश में सत्ता के दो केंद्र बनाए जा सके।
हालांकि राजनाथ सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से योगी आदित्यनाथ का कोई मतलब नहीं है दोनों के काम करने के तरीके अलग-अलग है दोनों परिपक्व राजनेता हैं।और अंत में यही कहूंगा कि
दोनों के दुश्मन एक है।
और दोनों को यह बात पता भी है।
अशवनी गुप्ता
लखनऊ
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