वे पीएम पुरस्कार हो गए.....


उनने आवाजें न देखीं,स्वप्न आंखों से देखा। सेवा इतनी कर दी कि वे *नवाचार* हो गए। 
अनुज
पीएम पुरस्कार हो गए*। (दिव्यांगों) अशक्त को सशक्त करने का वीणा उठाया तो देश ने माना,अनुज प्रतिबिम्ब, राष्ट्र वार्ता हैं। विभिन्न क्षेत्रों में स्थित,उपस्थित स्थापित और प्रमाणित अस्तित्व,अनुज सिंह और हर्षिता माथुर दम्पति है। स्वभावतः दोनो प्रांजल है।
सत्कार मानो दम्पति का मूल आधार है। रायबरेली की हर्षिता माथुर प्रणाली,राज्य के हर मन का आदर्श बनी है।
परिणाम सामने रहे। राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री की सराहना पृष्ठ में शामिल अन्नपुर्णा भवन की रचनाकार बरेली आयुक्त सौम्या अग्रवाल ने राज्य में अन्य के साथ वह उदाहरण बनी हैं जिन्होंने अपने कार्यालय में सबसे पहले *हर्षिता माथुर प्रणाली को लागू किया*। विकलांगों की सेवा के लिए देश में उत्तरप्रदेश प्रधान रहा।
प्रेरणा श्रेय मुरादाबाद आयुक्त आंजनेय सिंह बधाई के पात्र हैं।
*आज राज्य का अभिमान दिवस है*। 
मुरादाबाद की पूरी टोली बधाई स्वीकार करने का सम्मान पाती है। 
सुजीत सिंह, लेखक/वरिष्ठ पत्रकार

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