'श्रीमान मुख्य सचिव'
उत्तर प्रदेश
डीडीयू यूनिवर्सिटी गोरखपुर ने मेरे साथ जुर्म'एवं अपराध'किया है. इसे मैं और अधिक नहीं सह कर सकता इसलिए सत्य'अहिंसा' की पूरी ताकत से कहता हूं,कि 17अप्रैल वि.वि गेट पर'महामहिम राज्यपाल'का इफिगी बर्न'एवं'पिकेटिंग'करूंगा।इस'क्रिमिनलाइज्ड सिस्टम'को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकता।
''महोदय' सम्मान देते हुए"
हजार बार लिख चुका हूं कि मैं PG प्रथम श्रेणी UGC NET हूं मेरी योग्यता शासनादेश GO या कुलपति द्वारा व्याख्या का विषय नहीं है मुझे आयोग्य ठहराकर मेरा मानदेय अप्रूवल निरस्त करना :यूजीसी रेगुलेशन'नेट'की हत्या है। यदि मैं अयोग्य तो देश के सभी विश्वविद्यालयों के आचार्य अयोग्य है क्योंकि जहां से'योग्यता'निकलती है'(यूजीसी रेगुलेशन] वहीं से मेरी भी योग्यता निकली है.क्या ऐसे व्यक्ति को भी कुलपति बनाया जा सकता है जो G.O से यूजीसी रेगुलेशन' नेट की हत्या करता हो.
शिक्षा सत्र 2007-8 में दी द उ विवि गोरखपुर ने मेरा मानदेय प्रवक्ता अप्रूवल निरस्त कर मेरा जीवन'जीने का आधार' अध्ययन'अध्यापन'रिसर्च'चरित्र'अनुशासन'मानवता'सब कुछ मुझसे छीन लिया.मुझे कोई क्रिमिनलाइज्ड'आर्बिट्रेरी सिस्टम' या व्यक्ति'ही अयोग्य ठहरा सकता है.आजादी के 77 वर्षों में ही हम यहां पहुंच गए की प्रथम श्रेणी पीजी'यूजीसी नेट'मेधा' चरित्र'रिसर्च'वि.वि के बाहर हो और'नकल'Plagiarism की पीएचडी धारी'अयोग्य एवं नकलचे प्रोफेसर हों.सह.प्रोफेसर के लिए योग्यता आज भी नेट ही है चाहे कोई पीएचडी ही क्यों न हो परंतु जो लोग पूर्व में पीएचडी कर चुके हैं उनको भी योग्य माना गया है।जहां तक उत्तम शैक्षिक अभिलेख'का प्रश्न है यह जांच का विषय है कि इंसेंट हिस्ट्री'आर्कियोलॉजी' कल्चर एवं हिस्ट्री विषय में मुझसे उत्तम शैक्षिक अभिलेख, डीडीयू विवि के AHAC एवं हिस्ट्री डिपार्टमेंट में तो किसी के पास नहीं है BHU,AU, LU DU,JNU,में किस आचार्य के पास है?DU के विख्यात इतिहास विभाग से मैंने पुरातत्व' हिस्ट्री'में पीएचडी की है असाधारण रूप से आठ असाइनमेंट की जगह 8 टर्म पेपर डिपार्टमेंट में जमा किया हूं। पीएचडी कोर्स वर्क के दौरान मैंने 'पुरातत्व की अनुसंधान प्रणाली'शोध पुस्तक लिखी है जो विश्वविद्यालयों में पीजी स्तर पर पुरातत्व विषय में 'मैथर्ड एंड थ्योरी'की पाठ्य पुस्तक है,अमेजॉन फ्लिपकार्ट'पर उपलब्ध है. मेरी पुस्तक DDU विवि में प्रो राजवंत राव प्रो.शीतला प्रसाद सिंह प्रो.दिग्विजय नाथ मौर्या के पास है मेरी'एकेडमिकउपलब्धियां'एवं'रिसर्च एबिलिटी'की जांच विख्यात इंडोलॉजिस्ट हिस्टोरियन प्रो जयमल राय पीजी स्तर पर मेरे गुरु' प्रसिद्ध पुराविद प्रो.आरसी ठाकरान मेरे रिसर्च गाइड DU'प्रो बीआरमणि डीजी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया डीजी नेशनल म्यूजियम'V.C हेरिटेज इंस्टिट्यूट (डीम्ड यूनिवर्सिटी) आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी जिन्होंने मेरी पुस्तक का विमोचन' बुक रिव्यू' एवं मेरी एक पुस्तक में 'पुरोवाक 'लिखा है, कर सकते हैं.
विवि मैं से पुनः निवेदन करता हूं कि मेरा जीवन एवं सम्मान वापस कर दे। G.O द्वारा यूजीसी रेगुलेशन' एवं नेट की हत्या करने वाले कुलपति पद छोड़ दें या कुलाधिपति इन्हें पद से हटा दें। महा. राज्यपाल कुलाधिपति 'मा'कुलपति 'श्रीमान आयुक्त'श्रीमान जिलाधिकारी'श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक' गोरखपुर को लिखे पत्रों में मैंने जीवन'एवं सम्मान'वापस करने का निवेदन किया है। विश्वविद्यालय के पास दो विकल्प है न्याय'जो सत्य'से अभिन्न है मुझे वापस दे दे या कारागार में डाल दे। गुहार लगाते लगाते थक चुका हूं इसलिए मेरे पास मात्र एक विकल्प शेष है कि 17 अप्रैल महामहिम राज्यपाल का इफिगी बर्न करूंगा एवं विश्वविद्यालय गेट पर 'पिकेटिंग' करूंगा।जो मेरा मौलिक अधिकार है. श्रीमान जी से निवेदन करता हूं कि मुझे हाउस अरेस्ट करने से अच्छा है मेरे साथ 'न्याय' किया जाए इससे अधिक कुछ नहीं.
प्रति:- महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश
माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश
श्रीमान मुख्य सचिव 'गृह सचिन डीजीपी उत्तर प्रदेश
श्रीमान आयुक्त' जिलाधिकारी' एडीजी'डीआईजी' एसएसपी गोरखपुर.
डॉ संपूर्णानंद मल्ल
पूर्वांचल गांधी
पीएचडी इन हिस्ट्री आर्कियोलॉजी हिस्ट्री डिपार्टमेंट फैकेल्टी आफ सोशल साइंसेज देलही यूनिवर्सिटी
सत्यपथ गोविंद नगरी बशारतपुर थाना शाहपुर गोरखपुर
9415418263
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