आकंठ भ्र्ष्टाचार की दरिया में नहा रहा सीतापुर का बाल विकास विभाग ,मामला लोकायुक्त पहुंचा तो चेतना में आई मुख्य विकास अधिकारी

आकंठ भ्र्ष्टाचार की दरिया में नहा रहा सीतापुर का बाल विकास विभाग ,मामला लोकायुक्त पहुंचा तो चेतना में आई मुख्य विकास अधिकारी

मामला पहला विकास खंड के सरैयां कादीपुर का है जहां फरियादी मोहिनी सिंह की पात्रता श्रेष्ठ होने के बाद भी जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार राव द्वारा उस अभ्यर्थिनी का चयन आंगनबाड़ी कार्यकत्री में कर लिया गया जो पात्रता पावदान पर अत्यंत कनिष्ठ थी।
 मामला तब रोचक हो गया जब  जिला कार्यक्रम अधिकारी डीएम को ही भ्रमित करने लगे। रिपोर्ट में मेरिट प्रथम होना तो बताया परंतु यह कह दिया कि *ग्राम पंचायत* में शिकायतकर्ता ने आवेदन ही नही किया। साथ ही कहा कि उनका निवास संबंधित ग्राम पंचायत का नही है। 
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसी के परिवार की महिला को समान निवास प्रमाणपत्र पर डीपीओ द्वारा चयन कर लिया गया है जबकि पात्रता और मेरिट में वह अत्यंत कनिष्ठ हैं। 
मोहिनी सिंह ने बताया कि आज मुख्य विकास अधिकारी सीतापुर ने बुलाया था जहां कार्यक्रम अधिकारी बैठकर निरंतर गलत बयानी करते हुए यह कह रहे थे कि वे निवास प्रमाणपत्र ग्राम पंचायत का मानते है राजस्व गांव का नही,जबकि जिस महिला का चयन किया गया है उसका और मेरा निवास प्रमाणपत्र समान है।
 मोहिनी सिंह ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी ने माना कि भर्ती में मनमानी की गयी है तथा इसे निरस्त कर पुनः विज्ञापन निकाला जाएगा।

 गहरी असहमति के साथ शिकायतकर्ता ने कहा कि जब प्रमाणित हो गया कि धांधली के साथ चयन किया गया है तो प्राप्त आवेदन के सापेक्ष पुनः परिक्षण कर निष्पक्ष चयन न कर दुबारा आवेदन प्राप्त करने का औचित्य क्या है ? वे कहती हैं भर्ती निरस्त कराना एक चाल है इससे जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज राव के भ्रष्टाचारी कृत्य धोए नही जा सकते।मैं उनसे बार बार प्रार्थना करती रही परंतु उन्होंने हर बार एक नही सुनी।

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