*बदायूँ, 1 जून 2025 (रविवार):*
मरहूमा *निगार सुल्ताना बिन्ते सय्यद इन्तेज़ार हुसैन जाफ़री* के चेहल्लुम की मजलिस का एहतेमाम आज दिन रविवार *इमामबाड़ा मुत्तक़ीन, सय्यदबाड़ा बदायूँ* में अज़मत और एहतराम के साथ अंजाम दिया गया।
इस पुरनूर मजलिस को हिंदुस्तान के मक़बूल व मारूफ़ आलिमे-दीन, आली जनाब *मौलाना सय्यद गुलज़ार हुसैन जाफ़री साहब* (तारागढ़, अजमेर) ने खिताब फ़रमाया।
मौलाना साहब ने अपने असरदार और रूहपरवर अंदाज़ में हज़रत इमाम हुसैन अ.स. और कर्बला के शोहदा की कुर्बानियों को बयान किया। उन्होंने कहा कि कर्बला इंसानियत, अदल, सब्र और दीनी उसूलों पर क़ायम रहने का नाम है। हुसैनी पैग़ाम हर दौर में ज़िंदा है और रहेगा।
मजलिस में बड़ी तादाद में अज़ादारों ने शिरकत की। माहौल मत्तम, दर्द और इमानी जज़्बात से भरपूर था। अज़ादारी की इस पुरअसर मजलिस ने मोमिनीन के दिलों को कर्बला की यादों से तर कर दिया।
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