बदायूँ: 24 मुहर्रम को शबे शहादत-ए-इमाम सज्जाद (अ.स) के उनवान से मजलिस-ए-अज़ा का एहतमाम

बदायूँ: 24 मुहर्रम को शबे शहादत-ए-इमाम सज्जाद (अ.स) के उनवान से मजलिस-ए-अज़ा का एहतमाम

बदायूँ, 24 मुहर्रम: कारवाने अज़ा टीम बदायूँ की जानिब से 24 मुहर्रम की रात इमामबाड़ा मुत्तक़ीन, सैय्यद बाड़ा में शबे शहादत-ए-इमाम सज्जाद (अ.स) की याद में मजलिस-ए-अज़ा व शबबेदारी का एहतेमाम किया गया।
मजलिस को खिताब करते हुए जनाब मौलाना कम्बर हुसैन कम्बर साहब किब्ला ने इमाम अली इब्ने हुसैन (अ.स) के सवानेह आयात व उनके किरदार पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि इमाम सज्जाद (अ.स) ने मुश्किलात के दौर में भी इस्लाम की असल तालीमात को ज़िंदा रखा और अपने इल्म व इबादत के ज़रिए इंसानियत को राहे हक़ की तरफ बुलाया।
मजलिस के दौरान नौहाख्वानी का सिलसिला भी जारी रहा, जिसमें बरेली की बाहरी अंजुमन "ज़ुल्फ़िक़ार-ए-हैदरी सैंथल" और मकामी अंजुमन "ज़ुल्फ़िक़ार-ए-हैदरी बदायूँ" ने नौहाख्वानी पेश की।

मजलिस में शबीहे ताबूत इमाम सज्जाद (अ.स) की ज़ियारत कराई गई, जिसे देखकर अज़ादारों की आंखों से अश्क बहने लगे। मजलिस में शिरकत करने वाले तमाम अज़ादारों ने गम व अज़ा के माहौल में इमाम सज्जाद (अ.स) की शहादत का ग़म मनाया।

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