अर्जेंट पत्र
"माननीय राष्ट्रपति महोदया'
गरीबी विषमता महंगाई किसने पैदा की?
"बेरोजगारी गरीबी कुपोषण विषमता महंगाई चोरी लूट झूठ भय हिंसा नफरत अंधविश्वास पाखंड विधायिका कार्यपालिका के मा. चोर लुटेरे अपराधियों नफरतियों की सत्ता की भूख से निकली है' विधायिका कार्यपालिका की सदस्यता यदि एक बार का कानून बना लें तो सारी समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाएंगे संपदा एवं संसाधन से पूर्ण भारत दुनिया का सबसे समृद्ध' सुखमय'देश बन जाएगा.
'हिंद के हिंदुस्तानी संवैधानिक लुटेरे क्या करें?
🙏आटा चावल दाल तेल चीनी हवा पानी 'प्राण' है जीवन' है इस पर gst पूर्णतः समाप्त करें विधायिका कार्यपालिका के संवैधानिक चोर लुटेरे (अच्छे को छोड़) माननीय यह शपथ लें कि चांद सूरज के कायम रहने तक 'जीवन' प्राण' यानी 'पेट'पर टैक्स नहीं लगाएंगे
🙏विधायिका कार्यपालिका की "सदस्यता एक बार"का कानून/ नियम बना लें ताकि विधायिका कार्यपालिका पर चोर लुटेरे अपराधियों नफरतियों की कबजेदारी टूट जाए
🙏माननीय'अमीर' गरीब सबके लिए निशुल्क एक विद्यालय'एक चिकित्सालय 'एक रेल' ताकि 'संविधान'145 करोड लोगों तक पहुंच सके
🙏डीजल पेट्रोल सीएनजी ₹70/ लीटर"सिलेंडर 500/ एवं निजी गाड़ियों'बाइक' पर रोडटोल टैक्स समाप्त कर दें
'निरंकुश तंत्र'
मेरे हजारों पत्र/ ज्ञापन का जवाब दे या जीवन' 'लोकतंत्र' संविधान'दे दे यदि यह नहीं कर सकते तो पीएम सत्ता छोड़ दें अन्यथा सत्य'अहिंसा की ताकत से गांधी' शास्त्री 'जयंती 2 अक्टूबर संसद पर ''इंकलाब''
पुनःनिवेदन
पेट प्राण पथ शिक्षा चिकित्सा रेल पर टैक्स लगाने वाली किसी भी क्रूर' लुटेरी' व्यवस्था का पतन चाहता हूं
कॉपी:-- परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय
0 टिप्पणियाँ