मुजफ्फरनगर में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर भव्य समारोह आयोजित, वरिष्ठजनों को किया गया सम्मान,बुजुर्गों को बताया समाज और संस्कृति की धरोहर

मुजफ्फरनगर में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर भव्य समारोह आयोजित, वरिष्ठजनों को किया गया सम्मान – बुजुर्गों को बताया समाज और संस्कृति की धरोहर



मुजफ्फरनगर
आज 01 अक्टूबर को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया गया। इसी क्रम में मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के निर्देशन एवं जिला युवा अधिकारी सुश्री प्रतिभा शर्मा के मार्गदर्शन में डॉ राजीव कुमार द्वारा अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर भव्य समारोह आयोजित हुआ।


 इस अवसर पर वरिष्ठजनों को अंगवस्त्र और सम्मान प्रतीक भेंटकर सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन और भारत की विकास गाथा पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भी कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही।


मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में आज अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर विशेष आयोजन किया गया। यह आयोजन युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के निर्देशन एवं जिला युवा अधिकारी सुश्री प्रतिभा शर्मा के मार्गदर्शन में डॉ राजीव कुमार द्वारा अंतरराष्ट्रीय वृद्ध जन्म दिवस के अवसर पर भव्य समारोह आयोजित हुआ।इस अवसर पर वरिष्ठजनों को अंगवस्त्र और सम्मान प्रतीक टोपी भेंटकर सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठजनों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन और भारत की विकास गाथा पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। प्रदर्शनी ने बुजुर्गों और युवाओं को समान रूप से प्रेरित किया। सम्मान पाकर वरिष्ठजन भावुक हो उठे और उन्होंने अपने जीवन के संस्मरण भी साझा किए।


इस अवसर पर डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि हमारे वरिष्ठजन हमारी धरोहर हैं। वे परिवार और समाज की नींव हैं, जिनके बिना भविष्य की कल्पना अधूरी है। वहीं प्रवेंद्र दहिया ने कहा कि वरिष्ठजनों का सम्मान ही हमारा अभिमान है। समाजसेवी राजीव वर्मा ने उन्हें संस्कृति, परंपरा और जीवन मूल्यों का संवाहक बताते हुए नई पीढ़ी से उनका आदर करने की अपील की।


विशेष भूमिका निभाने वाले वरिष्ठजन डॉ. जीत सिंह तोमर और अधिवक्ता होतीलाल शर्मा ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि जिन कंधों पर परिवार और राष्ट्र की नींव टिकी है, उन्हें आज सबसे अधिक प्यार और देखभाल की ज़रूरत है।


अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस केवल समारोह नहीं, बल्कि यह एक आंदोलन है—बुजुर्गों की देखभाल, उनकी समस्याओं के समाधान और पीढ़ियों के बीच सहयोग बढ़ाने का। आज बड़ी संख्या में बुजुर्ग बीमारियों, अकेलेपन और आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे हैं। उन्हें सिर्फ सहानुभूति नहीं बल्कि ठोस व्यवस्था चाहिए जो उन्हें सहारा दे।


इस अवसर पर वक्ताओं ने समाज से आह्वान किया कि हम सभी को अपने माता-पिता और बुजुर्गों के साथ समय बिताना चाहिए, वृद्धाश्रमों में जाकर उनका हाल-चाल लेना चाहिए और उनकी कहानियों से सीख लेनी चाहिए।
आज का दिन यह संदेश देता है कि समाज की प्रगति सिर्फ युवाओं की ऊर्जा से नहीं, बल्कि बुजुर्गों की बुद्धिमत्ता और अनुभव से भी होती है।


मुजफ्फरनगर में आयोजित यह समारोह बुजुर्गों के सम्मान और उनकी गरिमा को समर्पित रहा, जिसने हर किसी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या हम अपने बुजुर्गों को वह सम्मान दे पा रहे हैं जिसके वे असली हकदार हैं।

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