1.बिहार चुनाव हारकर चुनाव आयोग को साफ छवि का दिखाना बीजेपी का पहला मक़सद है।
2.नीतीश को बिल्कुल कमज़ोर करना और जेडीयू को लल्लन सिंह की गोंद में बिठाना दूसरा मक़सद है।
3.वोट चोर के मुद्दे से विपक्ष को पैदल करना।
4.यदि बीजेपी बिहार चुनाव जीत जाती तो लोकसभा चुनाव जीतने की राह अधिक कठिन हो जाती। तब वोट चोरी का मुद्दा देश व्यापी रूप ले लेता जिसकी गूंज बहुत दूर तक होती।
5.मोदी और अमित शाह दोनों को खूब पता है कि जब तक केन्द्र सरकार उनकी मुट्ठी में है तभी तक वह सुरक्षित भी है अन्यथा सत्ता बदलते ही इनके पाप का घड़ा फूट जायेगा। हर चौराहे पर लोग इनका स्वागत करने के लिए खड़े दिखेंगे।
6. तेजस्वी सरकार बनाने में सफ़ल तो हो जायेंगे लेकिन सरकार को मजबूती से चला पाना मुश्किल होगा। इण्डिया गठबंधन की सीट 130 के ऊपर किसी भी दशा में नही जायेगी। ताकि तेजस्वी के जेल जाने की नौबत आने पर सरकार के पांव डगमगाना आसान रहे। यही रणनीति है बीजेपी की।
*गौतम राणे सागर*
उप्र प्रभारी
बहुजन मुक्ति पार्टी।
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