किसानों व युवाओं को मिला गोबर से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण गोंदलामऊ के तेरवा में किसानों व युवाओं ने गमला, मूर्तियां, श्रीयंत्र बनाना सीखा


सीतापुर के स्वदेशी गोविज्ञान अनुसंधान केन्द्र (ट्रस्ट) एक नई पहल कर रहा है। ट्रस्ट के द्वारा किसानों के लिए 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 29 अक्टूबर (गोपा अष्टमी के दिन) से 30 अक्टूबर 2025 तक विकास खण्ड गोंदलामऊ क्षेत्र के तेरवा स्थित महराजा तिलोक चन्द अर्कवंशी अस्थाई गौशाला के परिसर में आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में किसानों व युवाओं को गोबर पाउडर से सजावटी तोरण के लिए ऊं श्री, स्वस्तिक, गमला, मूर्तियां, श्रीयंत्र, धूपबत्ती, धूपबत्ती स्टैंड, साभ्रानी कप जैसे उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। स्वदेशी गोविज्ञान अनुसंधान केन्द्र ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष मदन पाल सिंह अर्कवंशी ने बताया कि दो दिवसीय गो उत्पाद प्रशिक्षण में किसानों व युवाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण किसानों व युवाओं को आजीविका के नए अवसर देगा। साथ ही जिस से निराश्रित गौवंशों के संरक्षण के प्रति लोगों में पुनः रूचि बढ़ेगी और उनका संरक्षण व संवर्धन भी होगा। गौमाता के गोवर से बने उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण पर्यावरण सुद्ध करने में सहायक भी होगा। 
कार्यक्रम में 25 से अधिक किसानों व युवाओं ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण से उन्हें कौशल विकास के साथ उत्पादों की मार्केटिंग के लिए जरूरी संपर्क भी मिलेंगे।

प्रशिक्षण के दूसरे दिन खण्ड विकास अधिकारी गोंदलामऊ संदीप कुमार व पशुचिकित्साधिकारी गोंदलामऊ आलोक शुक्ला, तेरवा प्रधान प्रतिनिधि सुरेन्द्र अर्कवंशी, पंचायत सहायक भी मौजूद रहे। 

इस दौरान खण्ड विकास अधिकारी गोंदलामऊ संदीप कुमार ने कहा कि गांव की समूह की महिलाओं को गाय से बनने वाले उत्पादों के प्रशिक्षण के लिए जागरूक किया जाय। जिस से निराश्रित गौवंशों का संरक्षण भी होगा और महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। 

पशुचिकित्साधिकारी आलोक शुक्ला ने प्रधान प्रतिनिधि सुरेन्द्र अर्कवंशी से कहा कि आप गौशाला में गोबर से गौकाष्ट (गोबर की लकड़ी) बनवाये जिस से ग्राम पंचायत की आय भी बढ़ेगी और गोबर का सदुपयोग भी होगा।
इस अवसर पर खण्ड विकास अधिकारी व पशुचिकित्साधिकारी द्वारा गौशाला में संरक्षित गौवंशों को केला भी खिलाया गया।

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