गोमती नदी के तट पर स्थित प्राचीन स्थान पर नये मन्दिर का निर्माण कार्य हुआ प्रारंभ


धीरेन्द्र प्रताप सिंह,सीतापुर 
संदना। सीतापुर। विकास खण्ड क्षेत्र के तेरवा गांव के समीप आदि गंगा गोमती नदी के तट पर स्थित प्राचीन महादेव मन्दिर के स्थान पर नये मन्दिर का निर्माण श्री श्री 108 श्री नारायण स्वामी जी महराजा की प्रेरणा से काराया जा रहा है. यह स्थान द्वापयुगीन बताया जाता है.

 यहां भगवान शंकर के अगमन से इस स्थान का नाम महादेव घाट से होना बताया जाता है.


मान्यता यह है जब बाणासुर की पुत्री व श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का विवाह कैलाश आश्रम पर हुआ था उसी दौरान भगवान महादेव आदि गांग गोमती नदी के इसी स्थान पर कुछ समय के लिए ठहरे थे जिस से इस स्थान महादेव घाट के नाम से प्रशिद्ध हुआ. 

द्वापरयुग के दौरान ही लोगों द्वारा इसी तट के समीट एक शिवलिंग की स्थापना कर एक छोटे मन्दिर का निर्माण कराया था. 

जानकर लोगों का कहना है कि मन्दिर के पास एक पीपल का बृक्ष उत्पन्न हुआ. जब बृक्ष की शाखाएं व तने का विस्तार हुआ तो शिवलिंग बृक्ष की जडों के सहारे ऊपर आई गई. 

उस दौरान लोगों द्वारा बृक्ष के चारो ओर चबूतरे का आकार दे दिया गया. और लोग बृक्ष के नीचे ही भगवान शंकर की पूजा अर्चना करने लगे.

 विगत वर्ष भीषण वर्ष के कारण प्राचीन बृक्ष गिर गया था जिसके बात गांव के वर्तमान प्रधान भानु प्रताप सिंह व अन्य ग्रामीणों के प्रयास के पश्चात बृक्ष की शाखाओं व तने को हटवा कर उसी स्थान पर पुनः चबूतरे का निर्माण कर शिवलिंग की स्थापना की गई. 

विगत वर्ष से ही इस स्थान पर बनी आश्रम के श्री श्री 108 श्री नारायण स्वामी जी महराज द्वारा नये मन्दिर के निर्माण के लिए प्रयास किया जा रहा था. इस वर्ष स्वामी जी की प्रेरणा से गांव के लोगों के सहयोग से मन्दिर का निर्माण स्वामी जी के ही सानिध्य में किया जा रहा है.

 जब तक इस मन्दिर का निर्माण संपन्न नही होता तब तक प्राचीन शिवलिंग को समीप के बट बृक्ष के पास आस्थाई रूप से स्थापित किया गया है.

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