निर्वाचन आयोग के दावों को तार-तार करती एक बहस

 


निर्वाचन आयोग के दावों को तार-तार करती एक बहस

    17 अगस्त, 2009 समय 4:30 अपराह्न निर्वाचन सदन में चुनाव आयुक्त नवीन चावला और याचिकाकर्ताओं के बीच हुई बैठक और वार्ता ने निर्वाचन आयोग के दावों की धज्जियां उड़ा दी । याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयुक्त से कहा कि हमने अपने याचिका में जिन पहलुओं को उठाया है कि ईवीएम हैक हो सकती है आप अपने दावों से संतुष्ट करते हुए हमे विश्वास दिलाएं कि EVM मे हैकिंग संभव नहीं है । बैठक में वार्ता के मुख्य बिंदु:-     

*नवीन चावला*:- समय बर्बाद करने से बेहतर है कि  ईवीएम भेद्य व संवेदनशील है आप प्रदर्शित कर बताएं।

 *हरिप्रसाद*( प्रबंध निदेशक नेट-इंडिया याचिकाकर्ता के तकनीकि सलाहकार) कृपया कुछ EVM को हमारे समक्ष मेज पर रखें ताकि हम इसके हर पहलुओं को समझा सके। साथ ही हम आपसे कुछ तकनीकी प्रश्न भी करना चाहेंगे!

*नवीन चावला* (अधीरता से हस्तक्षेप करते हुए) मैं चाहूंगा कि आप मुझे सारे प्रश्न लिखित में दें बजाय इसके कि आप ईवीएम से छेड़खानी कर प्रदर्शित करें।

  *हरिप्रसाद* जिस तरह से आप मुझसे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं यह अतार्किक है यह सुरक्षा जांच के मूल के भी खिलाफ है। नीतिपरक हैकिंग का तरीका यह नहीं है। हम नीति विषयक तरीके को विधिवत आपको समझाएंगे । जिस तरह से आप हमसे प्रदर्शन करने की जिद कर रहे हैं यह व्यवहारिक नहीं है । 


*प्रोफेसर इंद्रसेन* (तकनीकि विशेषज्ञ चुनाव आयोग) मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता आपको जिस तरह से मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने समझाया है उसी तरह से भारत निर्वाचन आयोग के ईवीएम से छेड़खानी कर दिखाना चाहिए।

  *हरिप्रसाद* हम दिखाने को तैयार हैं परंतु हम लोगों को तौर-तरीकों पर सहमत होना होगा। हमें कुछ ईवीएम दीजिए और यह अनुमति दीजिए कि हम उसमे रिवर्स इंजीनियरिंग कर सके! और परिवर्तन करने के लिए जिन औजारों की आवश्यकता होगी वह इस्तेमाल भी कर सकें । एक बार रिवर्स ईंजीनियरिंग के बाद सारी ईवीएम आपके सामने रख दी जाएगी और आप अगर यह बताने में सफल हो जाते हैं कि किन-किन ईवीएम से छेड़खानी की गई है तो आप के दावे को मान लिया जाएगा कि ईवीएम अभेद्य है। यदि आप असफल होते हैं तब आपको मान लेना चाहिए कि निर्वाचन आयोग का यह दावा बेबुनियाद है कि ईवीएम अभेद्य और असंवेदनशील है । यदि निर्वाचन आयोग के तकनीकि विशेषज्ञ भी इस छेड़खानी को नहीं पकड़ पाएंगे तो एक साधारण व्यक्ति कैसे पकड़ पाएगा?

 *नवीन चावला* ठीक है हम आपको कुछ EVM उपलब्ध कराएंगे आपको औजार इस्तेमाल करने की छूट भी होगी और इसके लिए पर्याप्त समय भी दिया जाएगा, परंतु यह सब निर्वाचन सदन में ही होगा ।

*हरिप्रसाद* हां हम यह हैकिंग आप के परिसर में करने को तैयार हैं। हम आपको यह भी बताएंगे कि हम किन तरीकों से इसे हैक करेंगे । यह वही आधार होगा जो नीति विषयक हैकिंग का आधार है।

 *नवीन चावला* हम आपके उस प्रत्येक सुझाव का स्वागत करते हैं जो ईवीएम की सुरक्षा को मजबूत करता हो । जो भी आपके प्रश्न हैं वह लिखित में दे दे, और आयोग आपको उसका उत्तर उपलब्ध करा देगा।

 चुनाव आयोग इस तकनीकि टीम से घबराया हुआ था उन्हें ज्ञात था कि हरिप्रसाद के नेतृत्व में दिल्ली, भुवनेश्वर, चेन्नई, नागपुर और हैदराबाद में हैकिंग प्रदर्शन कर श्रोताओं को हतप्रभ करने वाली यह टीम नि:संदेह ईवीएम के हर पहलुओं से पूरी तरह वाकिफ है। उन्हें यह भी भान था कि यदि इस टीम को अवसर दिया गया तो यह चुनाव आयोग के ईवीएम के अभेद्यता के दावों को तार-तार कर देंगे । जिस ईवीएम से इस टीम ने प्रदर्शन किया था वह भारत निर्वाचन आयोग की हूबहू और उसी विशेषज्ञता के साथ नेट-इंडिया द्वारा बनाई गई थी ।

   बैठक से अलग हटकर व्याकुल चुनाव आयुक्त ने हरिप्रसाद से पूछा कि आप इस प्रकरण को इतनी गंभीरता से क्यों ले रहे हैं क्या आप वास्तव में चाहते हैं कि आम चुनाव के परिणाम को परिवर्तित कर दिया जाए? क्रमशः

गौतम राणे सागर, 

राष्ट्रीय संयोजक, 

संविधान संरक्षण मंच ।

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