कौन कहता है भ्रष्टाचार पर योगी का भय अभियंताओं पर भारी है,जी हाँ ये सत्य है तथ्य है और प्रमाणित है,
मामला बाराबंकी जनपद के लोक निर्माण खंड 1 निर्माण विभाग से जुड़ा है जहां अयोद्धया के अधीक्षण अधीक्षण तथा बाराबंकी के अधिशाषी अभियंता की संयुक्त मिली भगत से अपने चहेतों को काम थमाने के मनमानी अतिरिक्त शर्ते थोप दी गयी*।
बाराबंकी जनपद में वाईडनिग ऑफ दरियाबाद बारिनबाग रोड अंडर त्वरित आर्थिक विकास योजना में में 6करोड़.50लाख की निविदा निकाली गई जिसमें 4 स्मूथ रोलर **एक समझी नीति के तहत मांगे गए है,जबकि चालू समय मे ही बहराइच में आमंत्रित इसी विभाग की समान प्रकृति की उक्त से तीन गुनी अधिक धनराशि की निविदा, वाईडनिग स्टेथनिग इकौना विशेश्वर गंज गंगा जमुनी रामपुर दुभा रोड बहराइच में 2 स्मूथ रोलर निविदा की शर्त में रखा गया है,स्पष्ट है ये बड़ा और सुनुयोजित भ्रष्टाचार है जो अयोद्धया के अधीक्षण अभियंता तथा बाराबंकी के अधिशाषी अभियंता की मिली भगत से किया जा रहा खेल है। यही नही वाईडनिग एन्ड स्टेन्थनिग आफ महराजगंज हरचंदपुर सिरसा घाट ऐहर रोड रायबरेली के 57 करोड़ के काम मे मात्र 3 स्मूथ रोलर मांगे गए है *।
स्पष्ट है इस कार्य के जिम्मेदार दोनों अभियंताओं की संलिप्तता स्पष्ट रूप से पक्षपात की ओर इशारा करती है**
जानकर इसपर टिप्पणी करते हुए कहते है कि उक्त तीनों कार्य जब समान प्रकृति के है तो अलग अलग शर्ते तथा मशीनरी रखने का अधिकार उन्हें कहाँ से मिल जाता है। जानकर इस पर सीधे किसी व्यक्ति विशेष के लिए कार्य करने की समझी नीति का हिस्सा मानते हुए इसे बड़ा घोटाला बताते है।
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