राष्ट्रपति महोदया"भगत सिंह के जन्मदिन 27 सितंबर संसद पर सत्याग्रह करूंगा

राष्ट्रपति महोदया"                       8am13अगस्त23
"भगत सिंह के जन्मदिन 27 सितंबर संसद पर सत्याग्रह"
असमानता' गरीबी' महंगाई' जैसे अपराध'"समाप्त करने चोर'भ्रष्टाचारियों''अपराधियों' बलात्कारियों' को वोट न देने का सत्याग्रह'अब 27 सितंबर 'भगत सिंह के जन्मदिन 'पर करूंगा।

"महोदया"
★हमारे वोट से विधायक' सांसद' मंत्री: बनकर 'मुफ्त का खाना रहना दवाई पढ़ाई जहाज एवं प्रथम श्रेणी रेल' करोड़ों की गाड़ियों' से कहीं आने-जाने' पेंशन'भत्ता' लेने वाले हमारे ऊपर "असहनीय टैक्स"लगा दिए हैं। कोई बताएं इसमें मानवता' लोकतंत्र' समानता'कहां है? जो कुछ कर रहे हैं या किए हैं,संविधान उसकी अनुमति नहीं देता।  दिल से मैं इन्हें चोर"क्रिमिनल"कहना पसंद करता हूं।

"महोदया"
भारत का"लोकतांत्रिक गणतंत्र"मर्जी" एवं खैरात" का विषय नहीं है बल्कि असंख्य लोगों की कुर्बानी"फांसी"का परिणाम है मुझे अपने पत्र का उत्तर चाहिए ताकि मैं "लोकतंत्रात्मक गणतंत्र" महसूस कर सकूं। 

भगत सिंह सुखदेव राजगुरु की फांसी के समय इर्विन भारत का वायसराय था।। शासन कर रहा था भारत पर", उत्तरदायी था ब्रिटेन के प्रति। गुलाम भारत ने फांसी रोकने के लिए उससे अनुनय" विनय" किया, फिर भी 23 मार्च 1931 को"हिंदुस्तान को फांसी"पर झूला दिया।

100 करोड निर्धन गरीब  5 किलो अनाज पर कीड़े मकोड़े की तरह जी रहे हैं। बीमार' विकलांग' एवं कुपोषित है। शिक्षा चिकित्सा जनसंचार' खुले बाजार में महंगे दाम पर बेची जा रही है। खाना' पानी' दवाई' ऑक्सीजन'"जीवन" है, "दरिंदों" ने टैक्स लगा दिया? हमारे जीवन' एवं जीने का अधिकार"हनित"कर दिया।। 800 सांसदों एवं 142 करोड लोगों में से किसी ने भी हैवी टैक्स एवं ऊंची कीमतें नहीं मांगी?डीजल' पेट्रोल' सीएनजी' घरेलू गैस सिलेंडर' की ऊंची कीमतें लोगों के "जीवन तंत्र"को तोड़ रही है। 

असमानता' गरीबी'महंगाई' जैसा अपराध, संसद एवं सरकार ने पैदा किया है। ब्रिटिश वायसराय की तरफ राष्ट्रपति की शानो शौकत' एवं शहंशाहीयत जीवन शैली से महंगाई'एवं गरीब' पैदा हो रहे हैं।

अब भी वक्त है मेरे सुझावों पर विचार करिए। संसद में बहस करिए। पार्टी' आपसी नफरत' सत्ता की भूख' त्याग कर सभी सांसद गण विषमता' गरीबी' महंगाई' जैसे 'अपराध' तत्काल रोकें। अन्यथा भगत सिंह के जन्मदिवस 27 sep "आप लोगों को वोट न देने का सत्याग्रह करूंगा"
आप लोगों के सच को' लोगों के सामने परोस दूंगा"।

"मैं किसी गिरोह बंद दल का दलाल नहीं हूं। मुझे संविधान' चाहिए न कम न अधिक।

"महोदया"
पिछले वर्ष 13 दिन (विश्वविद्यालय),9दिन (गरीब आसरा आवास)  के अनशन के कारण मैं अस्वस्थ हूं। 16 अगस्त को संसद भवन पर किया जाने वाला सत्याग्रह अब 27 सितंबर 'भगत सिंह के जन्मदिन' पर करूंगा। क्योंकि विषमता बेरोजगारी गरीबी महंगाई हिंदू मुस्लिम नफरत जातीय जहर नारी बलात्कार एवं हिंसा के जनक सांसद एवं मंत्रीगण हैं इसलिए संसद नहीं चलने दूंगा।

प्रति:-- गृह मंत्री

संपूर्णानंद मल्ल                      
    सत्यपथ        
9415418263   9415282102 
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