74 वां सालाना उर्स कादरी इब्राहीमी राजशाही

हर साल की तरह इस साल भी कुत्बे अलम औलादे गौसे आज़म हजरत हाफिज सैयद मोहम्मद इब्राहिम शाह साहब कादरी राजशाही का सालाना उर्स ग्राम सरावा में पूरी शानो शौकत के साथ मनाया गया। महफिल का आगाज तिलावते कलाम ए पाक से कारी आबिद अलीमी ने किया। 
सरपरस्ती दरगाह के सज्जादा नशीन पीरे तरीकत हजरत मौलाना हमीदुल्लाह राजशाही अलीमी ने की सदारत अल्लामा शम्स कादरी प्रिंसिपल मदरसा इस्लामिया अरबिया अंदर कोर्ट ने की मेहमाने  खुसूसी मुफ्ती रहमतुल्लाह साहब मिस्बाही रहे उन्होंने अपनी तकरीर में कहा कि हजरत हाफिज इब्राहीम शाह ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मखलूक की खिदमत और रब की इबादत में गुजार दी। 

और दुनिया को यही पैगाम दिया कि लोगों की मदद करते रहना और कभी झूठ नहीं बोलना दुनिया की हर बुराई से बच जाओगे मुफ्ती इश्तियाक उल कादरी साहब ने अपनी तकरीर में कहा कि हजरत हाफिज इब्राहिम का एक ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्होंने अपनी पूरी जमीन 27 सौ बीघा जमीन गरीबों में बांट दि और अपना मकान मिट्टी का कच्चा रखा और जो भी आ गया उसी की मदद करी चाहे वो  किसी जाति या धर्म का हो l 
मुफ्ती निसार अहमद साहब मुरादाबादी ने अपनी तकरीर में कहा कि यह आले नबी हैं औलादे अली हैं जिनकी बारगाह में आकर सुकून मिलता है। मुफ्ती  वासीफ साहब मुफ्ती रहीस साहब कारी इसरार राजशाही ने भी तकरीर पेश की l हाफिज मोहम्मद उमर ने अपनी तकरीर में कहा कि सिलसिला कोई भी हो सभी मौला अली से जाकर मिलते हैं साबिर पाक कलियरी हो ख्वाजा गरीब नवाज हो हाफिज इब्राहिम हो सब मौला अली की औलाद हैं शायरे इस्लाम इंतखाब  आलम संभली ,नौशाद संभली , कौसर संभली , हाफिज दानिश , सूफी शफीक , नूर मोo जिगर मिस्बाही , फिरोज राजशाही  शायरों ने अपनी शायरी से खूब खूब समां बांधा। 
उर्स  में चादर पेश की गई गुलपोशी लंगर पेश किया गया सभी धर्मो के लोगों ने खूब बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया उसके बाद दरगाह के सज्जादा नशीन पीरे तरीकत हजरत मौलाना हमीदुल्लाह राजशाही अलीमी ने अपने मुल्क भारत में अमन शांति आपसी भाईचारे व देश के प्रधानमंत्री मोदी जी की लंबी आयु के लिए दुआ कराई सैकड़ों लोगों ने आमीन कहा उसके बाद सभी जायरीन पीरे तरीकत मौलाना हमीद उल्लाह खान राजशाही से दुआ व प्रसाद लेकर रुखसत हुए उर्स शरीफ मैं  काफी तादाद में लोग शामिल हुए मुख्य रूप से हाजी दीन मोहम्मद , सूफी मोहम्मद अली , सूफी निशात , इनामुल्लाह खान ,हाजी शमशाद , डा  सूफी अशफाक , सूफी सलीम, सूफी अशरफ उल्लाह ,सूफी शकील, जियाउल्लाह ,समीर ,शोएब ,हा जी करीम ,असादुल्लाह ,बशारत खान,इमरान खान, सलाउद्दीन, सूफी नईम ,शमशाद खान सोनू ,फजरो , आरिफ उल्लाह, शुजा उल्लाह , हशमतुल्लाह, सरफराज खान ,गुड्डू खान, डॉक्टर समीर खा, अंसार खान, शब्बू खा, अजीम खा ,अली खा  शमशाद प्रधान ,सलमान खान, जिक्रया खा ,अशरफ खान ,हाजी अब्दुल गफ्फार, सूफी जाहिद, सूफी रियासत , सूफी इंतजार, हाफिज जुबेर, आस मोहम्मद, मास्टर महबूब अली, निजाम, सूफी इरफान, सूफी यूनुस, आसिफ, जलाल, सलाउद्दीन सैफी ,सूफी महफूज, सूफी बज्जू सहित सैकड़ों लोग शरीक हुए निजामत के फराइज हाफिज कारी ताहिर अशरफी ने दिए l

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