बिलकिस बानो केस में उनके वकील की दलील :--"न्याय के लिए पूर्वांचल के गांधी डॉ संपूर्णानंद मल्ल की याचिका"

"परम सम्माननीय मुख्य न्यायाधीश संविधान पीठ"
 सर्वोच्च न्यायालय                        अगस्त क्रांति 23

"न्याय के लिए याचिका"

"परम सम्मान के साथ"
परम सम्माननीय अदालत के समक्ष कुछ रखने की अनुमति चाहता हूं:-

बिलकिस बानो केस में उनके वकील की दलील :--

"2002 में जब उसके साथ गैंगरेप हुआ तब वह गर्भवती थी।आताताइयों ने उसके पहले बच्चे को पत्थर से कुचल कर मार डाला। दोषियों को रिहा कर दिया गया ।वह पुरुषों का सामना करने से डरती है भीड़ या अजनबियों के आसपास नहीं रह सकती"

दंगाई दरिंदे उसके बेटे सहित सात का कत्ल कर दिया
उसके बच्चे को पत्थर से कुचल कर मार डाला1। 

निर्भया गैंग रेप (16 दिसम्बर 2012) और बिलकिश बानो गैंग रेप (Feb 2002)में समानता असमानता। रेप के समय दोनों 21 वर्ष की थी। बिल्किस गर्भवती थी। निर्भया के साथ 6 दरिंदो एवं बिलकिस साथ 6 से अधिक।कोशिशों के बावजूद जीवित न बचीं। बिल्किस बच गई निचली अदालत ने जुलाई 13 में निर्भया के बलात्कारियों को फांसी की सजा सुना दी और दिल्ली हाईकोर्ट ने अक्टूबर 14 में उसे पर मोहर लगा दी। ऐसा इसलिए हो सका था कि दिल्ली में एवं केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। और यदि 2014 चुनाव में केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही होती तो निर्भया के बलात्कारी मार्च 2020 तक जीवित न रहते। बिल्किस के गैंग बलात्कारियों को 6 वर्ष बाद 2008 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और 15 अगस्त 2022 को 14 वर्ष उपरांत इन्हे जेल से"age, nature of the crime, behaviour in prison and so on"(द इंडियन एक्सप्रेस )के आधार पर छोड़ दिया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वहां दंगाइयों"बलात्कारियों की अपनी सरकार थी। 

उम्र'अपराध की प्रकृति'एवं जेल में अपराधी के बिहेवियर' में बदलाव"से घटित अपराध"की जघन्यता"कम नहीं होती। अरिष्टोक्रेटिक"इलीट क्लास रैपिस्ट यदि जेल में बंद है तो उसका बिहेवियर सरकार अच्छा बना देती है।

कानून' एवं न्याय' राज्य द्वारा कितना डैमेज' किया जा रहा है इसका अच्छा प्रमाण बिलकिश के11 रैपिस्ट एवं हत्यारों को गुजरात सरकार द्वारा छोड़ना है।

"रेपिस्टों की फांसी के लिए क्या पीड़िता की मौत जरुरी है?  बिल्किस बच गई हैं परंतु पुरुष की परछाई से भयभीत हो जाती है उसके बलात्कारियों को फांसी कब दी जाएगी ?
 
इन दरिंदों का नाम"एवं परछाई"बिल्किस का पुनः बलात्कार है। इन दरिंदों की परछाई से धरती मां भयभीत है
मातृसत्ता"के साथ गैंग रेप? पशुवत कृत्य करने वाले नर पशुओं की एक ही सजा हो सकती है "फांसी"

बिलकिस के गैंग रैपिस्ट्स को उसी तरह एक साथ फांसी पर लटकाया जाए जैसे इन दरिंदों ने बिल्किस के साथ गैंगरेप किया था और जैसे निर्भया के 4 रैपिस्ट्स को तिहाड़ में एक साथ फांसी दे दी गई।

निर्भया के बलात्कारियों को इसलिए फांसी पर लटका दिया गया की क्योंकि उनकी सामाजिक राजनीतिक पहुंच सत्ता बहुत दूर थी।

निर्भया के 4 दोषियों को कोरोना वायरस की आगमन के साथ 20 मार्च 20 को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया  गया  जबकि दूसरी तरफ बिलकिस के 11 गैंगरेपियों को 15 अगस्त 22 कोरोना समाप्त होने के साथ छोड़ दिया गया  इन हत्यारों एवं रैपिस्ट्स का फूल माला से स्वागत किया गया।

निर्भया के लिए दिल्ली एवं देश की सड़कों पर लोग उमड़ पड़े थे परंतु बिलकिस के साथ ऐसा नहीं हुआ। बिल्किस के अपराधियों को फांसी"फांसी"फांसी"दो की आवाज नहीं सुनाई दी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बिल्किस एक मुस्लिम लड़की थी।
 
निर्भया के गैंगरेपिओं को 10 माह के अंदर फांसी की सजा सुना दी फिर बिलकिस बानो के गैंगरेपियों को क्यों नहीं? कानून वही"न्यायालय वही"दरिंदगी वही"फिर बिलकिस बानो के गैंग रेपिस्टों को फांसी क्यों नहीं? उन्हें जेल से क्यों छोड़ा गया?

रिलीजन'कास्ट'एवं गवर्नमेंट'से न्याय" का क्या रिश्ता है? न्याय की तराजू' बराबर' एवं समानता' की डंडी है। समय"  घटित अपराध' की जघन्यता न तो कम कर सकता न म्यूट"  समय के साथ कुछ जख्म भर जाते हैं परंतु बलात्कार एवं गैंगरेप स्त्री के जख्म को रोज बढ़ता है।बिलकिस बानो के घाव उन दरिंदों की परछाई से ताज हो उठी है।।यदि न्याय की तराजू बराबर रहती है तो बिलकिस बानो के दरिंदों को  "फांसी"

न्याय की देवी,आंखों पर पट्टी,एक हाथ में न्याय तुला," दूसरे हाथ में नंगी तलवार। जिस प्रकार ईश्वर सबको बिना भेदभाव समान रूप से देखता है उसी प्रकार प्राचीन यूनान मिश्र एवं रोमन साम्राज्य में लेडीस जस्टिस lady Justice  थी। डिकी'यूनानी देवता ज्यूस"की बेटी थी जिसका काम ही था लोगों को न्याय देना। ऋग्वेद में ड्यूस"का उल्लेख है जो प्रकृति में "संतुलन"बनाए रखता था।

यद्यपि भारत की न्याय" एवं संविधान"में न्याय की तराजू" की तस्वीर नहीं है फिर भी समानता"की आत्मा से निर्मित संविधान"न्याय की दोनों डंडियों की बराबरी का संकेतक है 
 
कॉपी टू माननीय सीजे दिल्ली हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट

याचिकाकर्ता
किसान पुत्र किसान,50 यूनिट स्वैच्छिक रक्तदाता (गोरक्ष ब्लड बैंक)10 हज़ार पेड़ो का उद्यान पेड़ लगाने के लिए यूपी राज्यपाल"मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित। इकोनॉमिक्स पॉलिटिकल साइंस हिस्ट्री विषय में स्नातक ।दिल्ली विश्वविद्यालय के विख्यात इतिहास विभाग से पीएचडी। दो हजार पुस्तकों की निजी "शांतिवन पुस्तकालय"में "हिंदू मुस्लिम यूनिटी",गरीबी उन्मूलन"ओरिजिन एंड एंटीक्विटी ऑफ योगी गोरक्षनाथ"पर शोधरत। अनुदान स्कॉलरशिप रहित।

संपूर्णानंद मल्ल  
          सत्यपथ"ps  शाहपुर गोरखपुर
9415418263 94152 82102
snm.190907@yahoo.co.in

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