कानून ताक़तवर हथियार है....

क्या आपके लव आज़ाद हैं ???
कानून ताक़तवर हथियार है।
कानून की जानकारी हथियार पर चढ़ा हुआ तेज़ धार।
दोनो एक साथ मिल जाए तो कानून के साथ खिलवाड़ करने वाले सैयाद का काम तमाम।
आखिर कब तक हम सहेंगे उपेक्षा, कब तक हमें संविधान में मिले कानूनी हक का गला रेता जायेगा?
इतनी खामोशी क्यों है भाई? 
जिस तरह हाथी के दांत खाने के अलग और दिखाने के अलग होते हैं उसी तरह दो गले सार्वजनिक जीवन में कानून अनुपालन की दुहाई देते हैं लेकिन इनका चरित्र ठीक उल्टा आचरण करता है यानि कानून अनुपालन के नाम पर ताण्डव कथक।
 सरलीकरण करने की आवश्यकता है दरअसल जिन्होंने येन केन प्रकारेण सत्ता हथिया ली है वह शपथ तो संविधान की लेते हैं परन्तु सभी कार्य संविधान के प्रतिकूल करते हैं।
हमारे देश में लोकतंत्र है किसी दोगले की रियासत नही कि संविधान के विरुद्ध आचरण करने वाले को बर्दाश्त किया जाता रहे।
अब तो इनमें इतना दुस्साहस आ गया है कि पीएम का आर्थिक सलाहकार परिषद का अध्यक्ष ही संविधान बदलने की बात कर रहा है। देशद्रोह कर रहा है लेकिन उसे दण्डित करने के बरक्स आज भी उस देशद्रोही को देशवासियों के कर से एकत्रित धन से पाला पोसा जा रहा है। क्यों? क्योंकि जहां अन्याय के खिलाफ़ आवाज़ नही उठती वहां न्याय का इसी तरह गला बेरहमी से रेता जाता है। दूसरों को लूटने वाले लोग अपनी हिफाजत के लिए रेबीज़ धारी कुत्ते पालते हैं।
 संविधान संरक्षण मंच ने महसूस किया है देशवासियों को संविधान में नागरिकों के लिए निर्धारित मूलभूत अधिकारों से परिचित कराया जाए। फलीभूत करने के पूरे देश मे संविधान संरक्षण यात्रा निकालकर लोगों को सजग किया जाय कि वह आसानी से पहचान सकें कि देश के साथ गद्दारी करने वाले लोग कौन हैं।
      देश और संविधान संरक्षण हेतु देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से एकीकृत आवाज़ बुलन्द करने की जरूरत है।
*गौतम राणे सागर*
  राष्ट्रीय संयोजक,
संविधान सरंक्षण मंच।

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