सातवां अंतर्राष्ट्रीय महापरिनिर्वाण सूत्र पाठ के लिए निकली धम्म यात्रा*

महात्मा बुद्ध के शांति का संदेश पूरी दुनिया में जायेगा: डा0 वाग्मों* 
 *कुशीनगर* ।
कुशीनगर में सातवें अंतर्राष्ट्रीय महापरिनिर्वाण सूत्र पाठ के आयोजन अवसर पर शुक्रवार को कुशीनगर बुद्धिष्ट कांक्वेल - 23 के तहत धम्म यात्रा निकाल कर किया गया। इस मौके पर भिक्षुओं ने तथागत बुद्ध की विशेष पूजा अर्चना कर चीवर चढाया और विश्वशांति की कामना की।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के सहयोग से लाइट ऑफ बुद्ध धर्म फाउंडेशन इंटरनेशनल (एलबीडीएफआई) द्वारा आयोजित इंटरनेशनल त्रिपिटक चँटिंग के मौके पर म्यांमार मन्दिर परिसर स्थित छांता जी जेडी महा चैत्य (स्वर्ण स्तूप ) से धम्मा यात्रा निकाली गई। यात्रा में देशी विदेशी भिक्षु, उपासक शामिल हुए। यह यात्रा माथा कुंवर मन्दिर होते हुए मुख्य महा परिनिर्वाण मन्दिर पहुंचा जहां बुद्ध का पूजन अर्चन किया गया। इसके बाद यात्रा म्यांमार मन्दिर के धम्म हाल में पहुंची जहां बौद्ध धर्मगुरु भदंत ज्ञानेश्वर और एलबीडीएफआई के एक्जक्यूटिव  डाइरेक्टर डा0 वाग्मों डिक्से ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डा0 वाग्मों ने कहा कि त्रिपिटक चँटिंग का सफल आयोजन उप्र पर्यटन विभाग के सहयोग से हुआ है। अगले वर्ष यह आयोजन और भव्य होगा और उसका बड़ा संदेश दुनिया के देशों में बुद्ध के शांति, करुणा और दया के उपदेश का जाएगा। डा0 वाग्मों ने  उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के मुख्य सचिव को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यबाद दिया। अध्यक्षता करते हुए भन्ते ज्ञानेश्वर ने त्रिपिटक सूत्र पाठ के महत्व को बताया और भगवान बुद्ध के बताए सिद्धांतों के अनुशरण करने के लिए कहा।
स्थानीय पर्यटन सूचना अधिकारी डा0 प्राण रंजन ने पर्यटकों और आगन्तुकों का स्वागत किया। सायं भिक्षुओं और उपासकों ने मुख्य मंदिर परिसर में रखे वर्ड पीस वेल के समक्ष बैठकर सूत्र पाठ किया। शाम को म्यांमार मन्दिर परिसर के हाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। आभार व संचालन यामा कैफे के संचालक व टूर गाइड टीके राय ने किया। पूरे कार्यक्रम में ओमप्रकाश कुशवाहा की अहम भूमिका रही। इस आयोजन में इस अवसर पर म्यांमार, थाईलैंड, लाओस के भिक्षुओं व उपसकों के अलावे डा0 रिचर्ड डिकसे, भन्ते अशोक, भन्ते नंदका, भन्ते शील प्रकाश, भन्ते सागर, भन्ते उपाली, भन्ते कबीर, भन्ते विश्वकीर्ति, भन्ते धर्मबीर, भन्ते कुन्चुक लामा सहित स्थानीय भिक्षु व उपासक मौजूद रहे।
 *दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट।*

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