प्रधानमंत्री जी"मुझे भगत सिंह का'समाजवाद' गांधी 'स्वराज'अंबेडकर का संविधान चाहिए"

29 दिसंबर 2023
 प्रधानमंत्री जी"मुझे भगत सिंह का'समाजवाद' गांधी 'स्वराज'अंबेडकर का संविधान चाहिए"

अयोध्या"एवं राम"की आड़ में ह्यूमैनिटी"डेमोक्रेसी' यूनिटी' संविधान'न तोड़े।200 वर्षों की ब्रिटिश गुलामी एवं असंख्य की फांसी के उपरांत हमें लोकतंत्र"संविधान"हासिल हुई है।

पत्थर में प्राण डालना 22 लाख दीप जलाना अवैज्ञानिक' असंवैधानिक' है। संविधान भाग IV A( h) नागरिकों के मौलिक कर्तव्य में "टू डेवेलप  द साइंटिफिक टेंपर ह्यूमैनिटी एंड स्पिरिटी ऑफ इंक्वायरी एंड रिफॉर्म" माना कि नागरिकों के लिए मौलिक कर्तव्य मध्यकारी नहीं है परंतु इसका यह अर्थ नहीं की साइंटिफिक टेंपर ध्वस्त कर अंधविश्वास एवं पाखंड का पौध रोपा जाए।

प्रधानमंत्री जी"भारत के लंगड़े लोकतंत्र' जो जमीन पर घसीट' रहा है अंतिम सांस ले रहा है जीवित रहने दीजिए। सत्ता की भूख मिटाने के लिए भारत की आत्मा"एकता' एवं शांति' को हिंदू-मुस्लिम नफरत के बाण से मत बेधिये।

भारत बुद्ध कबीर नानक राम रहीम सावित्रीबाई विवेकानंद गांधी एपीजे अब्दुल कलाम का देश है।

आप भारत के प्रधानमंत्री हैं हिंदू'अयोध्या' या राम के प्रधानमंत्री नहीं है। "राष्ट्र धर्म"आपका धर्म है। रिलिजन" "पंथ"आपका अपना निजी है। राम मंदिर अपने घर में बनवाइए प्राण डालिए प्राण निकालिए।सार्वजनिक स्थलों पर इस तरह का कार्य "धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या है"। राज्य द्वारा सभी धर्म का समान संरक्षण'के अधिकार को शीशे की तरह तोड़ दिया गया है।
पंडित राम प्रसाद बिस्मिल अशफ़ाकउल्ला खान रोशन सिंह राजेंद्र लाहिड़ी की शहादत दिवस 19 दिसंबर को पंडित बिस्मिल के फांसी घर गोरखपुर जेल से एक सत्याग्रह उपरांत मैंने आपको एक ज्ञापन श्रीमान जिला अधिकारी की ओर से भेजा था जिसमें मैंने यह पूछा था कि जब "एक अयोध्या 'एक राम' एक आत्मा" एक राष्ट्र  फिर अयोध्या में 22 लाख दिए  क्यों?

आज से 450 वर्ष पूर्व औरंगज़ेब (1660-1707) ने मंदिरों को तोड़ा मस्जिद बनवाई यह सब काम उसने हिंदुस्तान में लूटपाट मचाकर एवं विभिन्न तरीके के टैक्स लगाकर की। अपने उत्कर्ष पर उसका साम्राज्य कंधार से असम तक फैला था ।1707 में जब वह मरा तंब उसका साम्राज्य बालू की "भीत"की तरह गिर गया। इतिहास उसे क्रूर' तानाशाह' असहिष्णु अत्याचारी'शासक के रूप में अपने पन्नों में दर्ज कर लिया है।

13वीं 14वीं और 15वीं  सदी में यूरोप में चर्च के पादरी'पोप मुक्ति पत्र बांट रहे थे। 700 से 800 वर्ष बाद आपने भारत को मध्य युग में पहुंचा दिया। भारत में 18वीं 19वीं  सदी में पुनर्जागरण की हवा चली जिसमें अंधविश्वास एवं पाखंड को खारिज किया किया। मानवतावाद" एवं विज्ञानवाद" को केंद्र में किया। ऐसे महापुरुषों में विवेकानंद राजा राम मोहन रॉय दयानंद सरस्वती ज्योतिबा फुले सावित्रीबाई ई वी रामास्वामी  जैसे समाज वैज्ञानिक एवं महापुरुष हुए।

प्रधानमंत्री जी"" रामराज का अर्थ है समता"भयरहित" न्यायप्रिय"शासन'।इसे आप तोड़ रहे हैं लोगों में भय पैदा हो रही है।जीवन एवं पेट की सुरक्षा को लेकर। क्योंकि अयोध्या में जो हजारों करोड़ मिट्टी में दफन की जा रही है वह जीएसटी टोल टैक्स डीजल पेट्रोल सीएनजी घरेलू गैस की कीमत बढ़ाकर वसूले गए पैसे से की जा रही है जिस मुल्क में 80 करोड़ गरीब 5 किलो अनाज में अपनी जीवन की तलाश कर रहे हैं कुपोषण के शिकार है जिनकी तरकारी तेल में नहीं पानी में बनती है जो रोटी दाल से नहीं पानी और नमक से खाते हैं उस देश के प्रधानमंत्री बुद्ध एवं गांधी के इस महान मुल्क को अंधविश्वास पाखंड और वैज्ञानिकता में झोंक रहे हैं। केवल सत्ता की भूख मिटाने के लिए।भारत की डेमोक्रेसी मनुष्यता संविधान सबको दफन करना चाहते हैं परंतु सत्ता से बाहर रहना उन्हें मंजूर नहीं है।

प्रधानमंत्री जी" अयोध्या एवं राम को हर हिंदुस्तानी के दिल में बसे रहने दीजिए यह क्या कर रहे हैं? गांधी को गोडसे ने जब गोली मारी थी तो गांधी के मुंह से ही राम शब्द उच्चरित हुआ था गांधी ने अयोध्या में राम की मंदिर पूजा नहीं की लेकिन राम उनके  हृदय में थे। इसलिए मैं कहता हूं कि अपने सारे कार्यक्रम निरस्त करिए । सत्य अहिंसा की पूरी ताकत से इसका विरोध सड़क पर करूंगा। भगत सिंह गांधी और अंबेडकर की तलाश करूंगा।

प्रधानमंत्री जी' आपकी अंधविश्वासी पाखंडी तानाशाही अलोकतांत्रिक असंवैधानिक सत्ता का विरोध करता हूं।

पूर्वांचल गांधी     सत्यपथ    ps शाहपुर  गोरखपुर   
9415418263

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ