"महामहिम राष्ट्रपति महोदया"
"खाना' बोलना' चलना' मां से जन्मना हासिल ऐसा अधिकार है जिसे कोई छीन नहीं सकता, संविधान के मौलिक अधिकार में इसकी गारंटी दी गई है"
"महोदया"
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी संसद भवन पर सत्याग्रह" के दौरान सरकार के आर्बिट्रेरी ऑर्डर" को ठीक उसी ढंग से तोड़ने का निवेदन बार-बार दोहराया था जैसे गांधी ने फिरंगियों का कानून तोड़ा था। अस्वस्थता' एवं गणतंत्र दिवस' के कारण सत्याग्रह स्थगित करता हूं। सरकार से पुनः आग्रह करता हूं उन सभी 'मनमानी आदेशों' को तत्काल वापस ले लें जिससे जीवन' मानवता' एवं संविधान खंडित' हुआ है।
महोदया" 100 से अधिक पत्र 'एवं ज्ञापन प्रेषित किया:--
जीएसटी 16%( हिंदू रेट ऑफ़ टैक्स) करने"आटा' चावल' गेहूं' दाल' चीनी' तेल' दवा'' जो जीवन से अभिन्न है इसके बिना जीवन नहीं चल सकता इस पर कर लगाने का अर्थ है जीवन छीन लेना। संविधान में 'जीवन' जीने के मौलिक अधिकार (अनु 21 )की गारंटी इस पर GST असंवैधानिक है क्रूरता' है अपराध है। 5 किलो अनाज पर जीने वाली 80 करोड़ गरीब 22 करोड़ कुपोषित जिनके पास ₹1 नहीं है,उनके जीने का अधिकार जीएसटी ने छीन लिया है।
निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता की मौलिक के अधिकार (19d) की हत्या है। सरकार ने हमारे पैरों में टोल टैक्स की बेड़ी पहना दी है। पैसे के अभाव में कहीं आने-जाने की हमारे मौलिक अधिकार छीन ली गई। निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त करें । जब तीन दर्जन से अधिक VIP अपनी गाड़ियों पर टोल टैक्स नहीं देते तो हमारी गाड़ी पर क्यों? यह तो समानता के मौलिक अधिकार (14-18 )की हत्या है। भरवाही ट्रैकों पर प्रति टोल 500 - ₹900 टोल' टैक्स लेना बेशर्म एवं खुली लूट" है जब इतना टोल टैक्स वसूल लिया जाएगा तो महंगाई की आग बुझेगी कैसे? भारवाही ट्रैकों पर ₹1 प्रति KM/ टोल करें महंगाई मर जाएगी। 102 करोड़ गरीबों के पेट की आग बुझ जाएगी
शिक्षा चिकित्सा न्याय एवं संचार फ्री करने का आग्रह किया इसको बेचने का अर्थ है जीवन बेचना। जीवन की जरूरत शिक्षा' चिकित्सा' न्याय 'कहीं आने-जाने की संचार ऊंची कीमतों पर बाजार में बेची जा रही है। 5 किलो खैरात पर जीने वाले 80 करोड़ कंगाल 22 करोड़ कुपोषित के पास एक पैसे नहीं। इन जरूरतो'अधिकारों से वे वंचित है।फ्री करें
प्रत्येक जिले में एक कृषि आधारित एक केंद्रीय उद्योग स्थापित करना ताकि बेरोजगारी गरीबी मिट जाए और दुनिया में सामान बेचकर भारत धनी बन जाय। प्रत्येक जिले में एक कृषि' एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय' की स्थापना।
55 साल के वृद्ध (किसान मजदूर) को ₹3000 प्रतिमाह पेंशन। वकील पत्रकार को 65 वर्ष की उम्र या उसके पूर्व मृत्यु होने पर उतना ही पेंशन जितना विधायिका के सदस्यों को दी जाती है।
महिलाओं से मैला"सड़क साफ कराना'बोझ ढुलवाना अपराध घोषित किया जाए। महिलाओं को जेल एवं फांसी की सजा समाप्त की जाए।
जीवन' एवं संविधान की रक्षा न होने की दशा में संसद पर सत्याग्रह की बात लिखी थी परंतु"ब्रिटिश वायसरायलिटी"की तरह काम करने वाली अंधी'गूंगी-बहरी सरकार मेरे किसी पत्र' ज्ञापन' का कोई संवाद' उत्तर' नहीं दी
मेरे हिस्से का लोकतंत्र' गणतंत्र' कहां है? मै ऐसे किसी भी 'मनमानी आदेश' तोड़ने का संकल्प दोहराता हूं जो हमारा जीवन"संविधान"हमसे छीन रही है।
प्रति:- माननीय पीएम गृह मंत्री सड़क परिवहन मंत्री वित्त मुख्यमंत्री ( प्रान्तों)
श्रीमान आयुक्त डीएम गोरखपुर श्रीमान एडीजी डीआईजी एसएसपी गोरखपुर।
डॉ संपूर्णानंद मल्ल
पूर्वांचल गांधी
सत्यपथ
9415418263
0 टिप्पणियाँ