"महामहिम राष्ट्रपति महोदया"
"ज्ञापन" द्वारा
श्रीमान आयुक्त
गोरखपुर
"रामराज लागू तिह (तीन) लोका हर्षित भए गए सब शोका"
"जब हम रामराज की बात करते हैं तो इसका अर्थ है सुख' समृद्धि"न्याय" शांति'' शोक रहिता''कष्ट रहिता। राम का मंदिर या राम की मूर्ति नहीं।यह मान कर चल रहा हूं कि महामहिम के मातहत काम करने वाली सरकार 23 जनवरी को टोल टैक्स रूपी जुर्म'अत्याचार' लूट समाप्त कर देगी"
"26 जनवरी गणतंत्र दिवस' निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स जो "कहीं आने जाने की हमारी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या"एवं भरवाही गाड़ियों पर "हैवी टोल टैक्स"के आर्बिट्रेरी टोल ऑर्डर' को तेंदुआ टोल प्लाजा गोरखपुर पर तोडूंगा"
142 करोड लोगों 545 एवं 243 सांसदों में से किसी ने भी ऐसे टोल टैक्स की मांग नहीं की यह "आर्बिट्रेरी आर्डर" है।
प्रत्येक वर्ष टोल टैक्स में वृद्धि टोल टैक्स के आर्थिक सिद्धांत "टोल टैक्स घटते दर"'रेडूसिंग' रेट"की हत्या है। जिस प्रकार से एक व्यक्ति की उम्र रोज घटती है बढ़ नहीं सकती ठीक उसी प्रकार एक सड़क की लागत वसूली के साथ घटती जाती है। अभी लागू TTसंस्थागत लूट' एवं डकैती' का नमूना है।
"महामहिम"
पुनः निवेदन करता हूं कि आपके मातहत काम करने वाली सरकार यह मनमानी "टोल टैक्स ऑर्डर 25 जनवरी 2024 के पूर्व वापस ले ले क्योंकि यह टोल ऑर्डर" नियम" कानून" संविधान" की हत्या की कीमत पर खड़ा है।
पूर्व पत्र एवं ज्ञापनों में निवेदन ?
★निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स कहीं आने-जाने की हमारी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार( 19 d) की हत्या है। निजी गाड़ी रखने वालों में 80% लोग लोन' कर्ज' उधार' निम्न मध्यम वर्गीय मध्यम वर्गीय जुगाड़ कर एक गाड़ी खरीदना है वह मुश्किल से तेल भरवापाता है। गाड़ी खरीदते ही सरकार ने उससे "वन टाइम रोड टैक्स" अपनी मर्जी अनुसार तय रेट पर, ले लिया। उस पर टोल टैक्स लगाना संविधान की हत्या ही ही रूल्स' रेगुलेशन की भी हत्या है। इतना ही नहीं जब प्रेसिडेंट प्राइम मिनिस्टर मेंबर ऑफ पार्लियामेंट मेंबर ऑफ़ लेजिसलेटिव असेंबलीज और अन्य तीन दर्जन लोगों से टोल टैक्स नहीं लिया जाता तो लोगों के गाड़ियों पर टोल टैक्स क्यों? यह "समानता के मौलिक अधिकार" की हत्या है क्योंकि समानता के मौलिक अधिकार (14-18) में VIPआधार पर टोल टैक्स में छूट का कोई प्रावधान नहीं है?
★ भारी गाड़ियों पर टोल टैक्स 500 से ₹900 प्रति टोल लेना "खुली एवं बेशर्म लूट"तो है ही एक 'सरकारी डकैती' का कृत्य है। मैंने निवेदन किया की टोल टैक्स ₹1 प्रति km करें।
इस हैवी टोल टैक्स के कारण देश में महंगाई की आग लग गई है टोल टैक्स के अड्डे महंगाई के हवन कुंड के रूप में काम कर रहे हैं और जब संसद के 545 और 243 सदस्यों में से किसी ने भी इतनी हैवी टोल टैक्स वसूलने की मांग नहीं की फिर किसने और क्यों इतनी हैवी टोल टैक्स वसूलने का आर्डर जारी किया? क्या इस लुटेरी सरकार के मंत्री अर्थशास्त्री किसी को भी अर्थशास्त्र का यह सिद्धांत ज्ञात नहीं है कि 'टोल टैक्स हमेशा "रिड्यूजिंग रेट" में लगता है उसे अनुवर्ती वर्षों में बढ़ाया नहीं जा सकता जैसे यदि किसी टोल रोड पर टोल टैक्स ₹100 से स्टार्ट हुआ तो अगले वर्ष 110 नहीं हो सकता जब होगा तो 90 होगा 80 होगा 70 और आमतौर पर 10 वर्ष में टोल टैक्स वसूली बंद कर दी जाती है।
"महोदया
100 से अधिक पत्र ज्ञापन लिखकर मैं निवेदन किया कि निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त कर दिया जाए एवं भरवाही गाड़ियों पर टोल टैक्स अधिकतम एक रुपए प्रति लिया जाए। परंतु अधिनायकवादी" सरकार ने मेरी एक पत्र का "संवाद' उत्तर' नहीं दिया। संविधान दिवस 26 नवंबर को उक्त टोल प्लाजा पर मैंने टोल सत्याग्रह करके एक ज्ञापन महामहिम को श्रीमान आयुक्त गोरखपुर की ओर से प्रेषित किया जिसमें मैंने 26 जनवरी को उक्त टोल पर आर्बिट्रेरी टोल ऑर्डर तोड़ तोड़कर "संविधान रक्षा" का संकल्प दोहराया।
सत्य एवं अहिंसात्मक तरीके से सत्याग्रह करना मेरा धर्म यदि सरकार ने बल प्रयोग किया तो अनशन प्रारंभ करूंगा और तब सरकार का पतन होगा
प्रतिलिपि: माननीय प्रधानमंत्री गृह मंत्री सड़क परिवहन मंत्री वित्त मंत्री
श्रीमान आयुक्त जिलाधिकारी गोरखपुर श्रीमान एडीजी आईजी एसएसपी गोरखपुर
डॉ संपूर्णानंद मल्ल सत्यपथ पूर्वांचल गांधी
9415418263
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