"माननीय प्रधानमंत्री जी"
"ज्यों ज्यों आप "प्राणप्रतिष्ठा" की ओर बढ़ रहे हैं गरीबों कुपोषितों का "प्राण हर"रहे हैं क्योंकि अयोध्या में जो रुपया खर्च हो रहा है वह गरीब कुपोषितों के थाली के भोजन का पैसा है"
सम्माननीय राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को 4 5 जनवरी को प्रेषित ईमेल पत्र की संदर्भ में 8 9 10 11 12 जनवरी क्रमशः गोरखपुर वाराणसी इलाहाबाद लखनऊ अयोध्या में, पूर्व निर्धारित "पाखंड अंधविश्वास खंडिनी सत्याग्रह" स्थगित करता हूं परंतु अयोध्या में प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे अंधविश्वास पाखंड का मन'वचन'कर्म'से प्रतिरोध करता हूं।
सत्ता की भूख मिटाने के लिए आप 'प्राण तत्व राम,जो हृदय"है कलेजा"है,पत्थर में डालने का पाखंड मत करिए मनमंदिर" में रहने वाले राम को"पाषाण मंदिर"में कैसे रह सकते?
प्रधानमंत्री जी अयोध्या"मर्यादा पुरुष राम"एवं "सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की औपनिषदिक" नगरी है। प्रस्तर के बने घर एवं मंदिर मूर्तियों से राम का कोई रिश्ता नहीं है। ईशा की नवीं दशवीं 11वीं सदियों में युद्ध हिंसा लूटपाट कमाचार में लिप्त राजाओं ने मंदिर मूर्तियां बनवाएं।एक लुटेरे ने 17वीं सदी के मध्य में मंदिर तोड़ मस्जिद बनवा दिया।
प्रधानमंत्री जी आपने अंधविश्वास पाखंड अवैज्ञानिकता फैलाकर इस महान मुल्क के जीवन मनुष्यता इंसानियत की जितनी क्षति की है इतिहास में इसका उदाहरण नहीं मिलता
जीवन मानवता लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करिए पाखंड अंधविश्वास फैलाना बंद करिए। इसका भी ख्याल रखिए कि भारत' बुद्ध कबीर रहीम नानक दयानंद विवेकानंद सावित्री बाई भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस अंबेडकर गांधी जैसे महापुरुषों का देश है।
प्रधानमंत्री जी हम एक्सप्रेसवे एयरपोर्ट राम मंदिर मूर्तियां मत दीजिए। इतनी ही करिए कि मां से मिले खाना' बोलना' चलना के नैसर्गिक अधिकार हमसे मत छीनिये ,हम हिंदू मुसलमान को एक साथ रहने दीजिए क्योंकि हिंदुस्तान की मिट्टी में दोनों का खून है। हमें सत्याग्रह के लिए विवश मत करिए अन्यथा सत्य अहिंसा की ताकत से किसी भी पाखंडी' अंधविश्वासी' फासीवादी' मनमानी करने वाली' तानाशाही' संविधान तोड़ने वाली" झूठ'हिंसा'बलात्कार फैलाने वाली सत्ता का पतन कर दूंगा ।
प्रतिलिपि'- महामहिम राष्ट्रपति माननीय गृह मंत्री श्रीमान जिलाधिकारी गोरखपुर बनारस इलाहाबाद लखनऊ फैजाबाद एसएसपी गोरखपुर बनारस इलाहाबाद लखनऊ फैजाबाद
पूर्वांचल गांधी
9415418263
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