"माननीय प्रधानमंत्री जी"
विकसित भारत बाद में बनाइएगा पहले हमारा प्राण' एवं जीवन' हमें वापस दे दीजिए जो आपने कर" एवं कीमतों" में वृद्धि कर हमसे छीन लिया है।
आटा चावल गेहूं दाल तेल चीनी दवा पर tax समाप्त कर दीजिए ताकि 5 किलो खैरात में जीवन तलाश करने वाले 80 करोड़ गरीब एवं 22 करोड़ कुपोषित जीवन जी सके। अनाज खाने वाला कोई व्यक्ति इस पर कर लगा सकता है क्या? इस पर कर जीवन" प्राण" की हत्या है, जीवन एवं जीने के मौलिक अधिकार" अनु 21) की हत्या है इस पर कर लगाना अपराध एवं क्रूरता है इसे समाप्त कर दीजिए।
निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स 'कहीं आने जाने की स्वतंत्रता" के मौलिक अधिकार (19d) की हत्या है ।कहीं आने जाने का नैसर्गिक अधिकार मां से जन्मना मिला है, संविधान के मौलिक अधिकारों में इसकी गारंटी दी गई है। जब राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सहित तीन दर्जन से अधिक VIP अपनी गाड़ियों पर टोल टैक्स नहीं देते तब लोगों की गाड़ियों पर टोल टैक्स क्यों? यह समानता के मौलिक अधिकार(अनु 14-18) की हत्या है निजी गाड़ी पर टोल टैक्स समाप्त करिए या प्रत्येक टोल अड्डे पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री कर दें ताकि पैसे के अभाव में कोई व्यक्ति कहीं आने जाने की मौलिक स्वतंत्रता से वंचित न रह जाय।
एक समान' फ्री शिक्षा'फ्री चिकित्सक' फ्री जनसंचार' करें क्योंकि इसे बाजार में ऊंची कीमत पर बेचने का अर्थ है जीवन के उन अधिकारों को गरीबों एवं कुपोषितों से छीन लेना जिसके बिना जीवन नहीं चल सकता।
डीजल पेट्रोल सीएनजी घरेलू गैस सिलेंडर क्रमशः ₹50 एवं ₹500 कर दीजिए ताकि महंगाई की आग बुझ जाए। क्योंकि महंगाई की आग में गरीब इस प्रकार जल रहा है जैसे मछली आग में जलती है परंतु आमिर और माननीय को महंगाई की आग बातानुकूलित महसूस होती है।
प्रधानमंत्री जी 100से अधिक पत्र एवं ज्ञापन सरकार को प्रेषित किया परंतु सरकार नहीं सुनती। मैं चाहता हूं भगत सिंह सुखदेव राजगुरु के शहादत दिवस 23 मार्च के पूर्व जीवन' मानवता एवं संविधान' की रक्षा की जाय। आप द्वारा जारी आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स वापस ले लिए जाएं अन्यथा इन आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स को ठीक उसी तरीके से तोडूंगा जैसे गांधी ने फिरंगियों की क्रूर एवं लुटेरी सत्ता के नमक कानून को तोड़ा था।
जब 142 करोड लोगों 545, 243 सांसदों में किसी ने ऐसे कर'एवं ऊंची कीमत" की मांग नहीं की फिर इतनी ऊंची कर एवं कीमतें क्यों लागू की गई? किसने लागू की? "क्या लोगों से पूछा गया? यदि नहीं तो कैसी डेमोक्रेसी?
प्रतिलिपि:-- महामहिम राष्ट्रपति भूतल परिवहन मंत्री वित्त मंत्री
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी सत्यपथ
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