"माननीय प्रधानमंत्री जी"
मैं चाहता हूं भगत सिंह सुखदेव राजगुरु के शहादत दिवस 23 मार्च तक अपना आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स वापस ले लीजिए। अन्यथा उसे उसी ढंग से तोडूंगा जैसे गांधी ने क्रूर लुटेरी फिरंगियों के नमक कानून को तोड़ा था। गांधी के सत्य अहिंसा भगत सिंह के समाजवाद और अंबेडकर के संविधान से आपकी क्रूर अमानवीय सत्ता पतन कर दूंगा।
142 करोड लोगों का लोकतंत्र है बिना पूछे हमारे जीवन"एवं स्वतंत्रता पर टैक्स क्यों लगाया? कोई मनुष्य जाति जो खाना खाती है,आटा चावल गेहूं दाल तेल चीनी दवा पर टैक्स लगा सकती है क्या? क्रूरता है अपराध है 'जीवन की मौलिक अधिकार' "अनुच्छेद 21 "की हत्या है इस पर gst तत्काल समाप्त करेँ। हमारी निजी गाड़ी पर टोल टैक्स लगाकर कहीं आने-जाने की हमारी मौलिक स्वतंत्रता हमसे छीन सकता है क्या? निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त करें या प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री कर दें ताकि जिनके पास पैसे न हो वह भी कहीं आने-जाने के अधिकार से वंचित न जाँय। शिक्षा चिकित्सा जनसंचार ऊंची कीमतों पर बेच सकता क्या? एक समान" फ्री शिक्षा' फ्री चिकित्सा 'फ्री जनसंचार 'कर दें ताकि जिनके पास एक पैसे नहीं है वह भी जीवन की जरूरतों से वंचित न रहे ।आप ₹50 का डीजल पेट्रोल सीएनजी ₹100 में, ₹300 का सिलेंडर 1000 में क्यों बेच रहे हैं? डीजल पेट्रोल सीएनजी 50 रुपए एवं सिलेंडर ₹500 कर दें । 5 किलो अनाज में जीवन की तलाश करने वाले 80 करोड़ कंगाल एवं 22 करोड़ कुपोषित जिनके पास एक पैसे नहीं है आखिर वे 5 किलो अनाज में जिंदा कैसे रहेंगे? वे जीवन की जरूरतें कैसे हासिल करेंगे?
आप भी एक वोट देते हैं मैं भी एक वोट देता हूं आप
टैक्स के कोड़ें बरसाते हैं हम उसे सहते है
इसमें समानता' स्वतंत्रता लोकतंत्र'संविधान कहां है?
भगत सिंह
"अगर कोई सरकार जनता को इसकी बुनियादी अधिकारों से वंचित रखती है तो जनता का अधिकार ही नहीं बल्कि आवश्यक कर्तव्य बन जाता है कि ऐसी सरकार को बदल दे समाप्त कर दे"
आपकी क्रूर अमानवीय सत्ता का पतन चाहता हूं'
इसे और अधिक सहन नहीं कर सकता"
प्रतिलिपि:--- महामहिम राष्ट्रपति महोदया मा वित्त मंत्री' सड़क परिवहन मंत्री
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी सत्यपथ
गोविंद नगरी बशरतपुर गोरखपुर 273004
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