20 नवंबर 2024
"माननीय प्रधानमंत्री गृह मंत्री वित्त मंत्री रेल मंत्री भूतल परिवहन मंत्री"
आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा शिक्षा चिकित्सा रेल पर टैक्स हमारे "जीवन"एवं निजी गाड़ियों पर 'टोल टैक्स' हमारी'स्वतंत्रता'की हत्या है इसलिए कर"एवं कीमतों के 'आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स''सविनय अवज्ञा:'पूर्वक जलाऊं.सरकार बताएं क्या चाहती है? जुर्म'अपराध'समाप्त करना या मुझे कैदखाने में डालना? क्योंकि उक्त जुर्म'अपराध' संविधान दिवस 26 नवंबर PM आवास पर 'सत्य'अहिंसा' की पूरी ताकत से तोड़गा.
प्रति :--महामहिम राष्ट्रपति
परम सम्माननीय मुख्य न्यायाधीश
मा.अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग
पूर्वांचल गांधी
9415418263
"माननीय प्रधानमंत्री'गृहमंत्री'वित्तमंत्री' रेलमंत्री'भूतल परिवहनमंत्री"
आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा पर टैक्स' एवं निजी गाड़ियों पर "टोल टैक्स'तोडूंगा'
संसार की सबसे बड़ी क्रूर'लुटेरी'सरकार के पास दो विकल्प है। @ मुझे कैद खाने में डाल दे या @ आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा पर टैक्स समाप्त कर दे क्योंकि यह हमारा जीवन है प्राण है पेट है इस पर टैक्स जीवन के मौलिक अधिकार अनु 21 की हत्या है। शिक्षा चिकित्सा रेल "एक समान निशुल्क"कर दे यानी गरीब अमीर सभी "एक स्कूल"में पढ़े"एक चिकित्सालय"में इलाज हो 'एक ट्रेन"में यात्रा करें निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स "कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार"की हत्या है समाप्त कर दे या प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री कर दे ताकि जिनके पास पैसे न हो वें भी स्वतंत्रता से कहीं आ-जा सके.गरीबों को घरेलू गैस फ्री दें ताकि उनके बच्चे वृद्ध खाना पा सकें
"महोदय पंच"
🙏गांधी ने 1932 ब्रिटिश प्रधानमंत्री रेमजे मैकडॉनल्ड से कहा था क्रूर'लुटेरी ब्रिटिश हुकूमत 'सत्य'अहिंसा"की ताकत से तोडूंगा मैं चाहता हूं संविधान दिवस 26 नवंबर से पूर्व कर' कीमतों''में वृद्धि के सभी'आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स"समाप्त कर दें क्योंकि 545, 238 सांसदों एवं 142 करोड लोगों में किसी ने भी पेट एवं पथ पर टैक्स की मांग नहीं की फिर हमारे पेट"एवं पथ'पर टैक्स क्यों लगाया? पेट'पथ'पर कर'लगाने वाली क्रूर हुकूमत क्यों स्वीकार करूं? इसलिए कर एवं कीमतों में वृद्धि के सभी आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स"संविधान दिवस 26 नवंबर प्रधानमंत्री आवास पर सविनय अवज्ञा'में उसी प्रकार तोडूंगा जैसे गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत का नमक कानून तोड़ा था,गांधी ने समुद्र तट पर मुट्ठी भर मिट्टी/नमक उठाकर अंग्रेजी नमक कानून तोड़ा और मैं कर'कीमतों'में वृद्धि के आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स 'आग में जलाकर'तोडूंगा.सरकार यदि समझती है कि आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा शिक्षा चिकित्सा रेल निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स 'संवैधानिक'है तब बिना विलंब मुझे कैदखाने में डाल दें क्योंकि मैं मानसिक रूप से युक्त "आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स' जिसे सरकार 'कानून कहती'है तोड़ चुका हूं.परंतु मैं जानता हूं उक्त टैक्स हमारे 'जीवन' और स्वतंत्रता' "की हत्या है इसलिए इसको तोड़ना मेरा संवैधानिक अधिकार एवं कर्तव्य दोनों है 'पांच मंत्रीगण' क्या चाहते हैं बताएं.
प्रति:-- महामहिम राष्ट्रपति महोदय
परम सम्माननीय मुख्य न्यायाधीश
पूर्वांचल गांधी
9415418263
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