दो सांसद,5 विधायक ब्रज तीर्थ विकास परिषद के अध्यक्ष स्वयं योगी फिर भी मथुरा का विकास कार्यों की रैंकिंग में 69वा स्थान,अयोध्या और वाराणसी भी पिछड़े
संवाददाता आलोक तिवारी
मथुरा,काशी (वाराणसी),अयोध्या और प्रयागराज ये चारों जिले सरकार की आंख के तारे हैं। तीर्थस्थल होने के साथ ही पर्यटन की अपार संभावनाओं वाले इन जिलों में विकास के लिए भी सरकार ने खजाना खोल रखा है लेकिन विकास की रफ्तार में ये जिले पिछड़े हुए नजर आ रहे हैं। विकास कार्यों की रैंकिंग में मथुरा जहां 69वें स्थान पर है तो वहीं अयोध्या और वाराणसी की स्थिति भी ठीक नहीं है। वहीं महाकुंभ की नगरी प्रयागराज 74वें स्थान के साथ सबसे फिसड्डी है।
सीएम डैशबोर्ड दर्पण के तहत प्रत्येक माह जिले में कराए जाने वाले विकास कार्यों के आधार पर प्रदेश स्तरीय रैंकिंग जारी होती है। जनवरी में कराए गए विकास कार्यों का मूल्यांकन कर शासन ने सोमवार को जिलों की रैंकिंग जारी कर दी। इसमें श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा की रैंकिंग बेहद पिछड़ गई है। इस बार प्रदेश के 75 जिलों में मथुरा को 69वां स्थान मिला है। वहीं भोलेनाथ की नगरी कही जाने वाली वाराणसी की स्थिति भी कुछ खास अच्छी नहीं है। प्रदेश की सूची में वाराणसी का स्थान 45वां और और श्रीराम की नगरी अयोध्या 53वें स्थान पर है।
सबसे खराब स्थिति तो उस जिले की जहां इन दिनों विश्व का सबसे बड़ा आयोजन महाकुंभ चल रहा है। हम बात कर रहे हैं तीर्थराज प्रयागराज की। प्रयागराज की स्थिति विकास कार्यों में सबसे खराब है। प्रदेश की सूची में 74वें स्थान पर प्रयागराज पहुंच गया है। डीएम चंद्रप्रकाश सिंह का कहना है कि उनकी तैनाती कुछ दिन पूर्व ही हुई है। आगामी रैंकिंग में सुधार के लिए और प्रयास किए जाएंगे।
केवल विकास में ही नहीं राजस्व कार्यों के आधार पर जारी रैंकिंग में भी मथुरा, काशी, अयोध्या और प्रयागराज का प्रदर्शन बेहद खराब है। प्रयागराज जहां प्रदेश में 75वें स्थान के साथ सबसे नीचे है तो वहीं मथुरा 61वें स्थान पर है। वाराणसी 66वें और अयोध्या 70वें स्थान पर है। जालौन विकास के साथ-साथ राजस्व कार्यों में भी प्रदेश में टॉप पर है।
शासन द्वारा राजस्व और विकास दोनों के कार्यों को मिलाकर संयुक्त रूप से मूल्यांकन कर एक संयुक्त रैंकिंग भी जारी की जाती है। इसमें भी चारों तीर्थनगरी का हाल बेहाल ही नजर आ रहा है। मथुरा जहां 68वें स्थान है तो वहीं वाराणसी 63वें, अयोध्या 68वें और प्रयागराज सबसे फिसड्डी 75वें स्थान पर ही है।
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