भास्कर मिश्रा, इंद्र प्रकाश सोलंकी, राजेन्द्र सिंह सहित दर्जनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, जल्द जाएंगे जेल
करोड़ो का शुल्क प्रतिपूर्ति ओर छात्रवृत्ति में करोड़ो रुपए का अवैध भुगतान
ब्यूरो आलोक तिवारी
मथुरा। छात्र वृत्ति घोटाला में सटीक साबित हुई हैं शिक्षा माफियाओं से साठगांठ कर सैकड़ों करोड़ की काली कमाई के खेल में आर्थिक अपराध शाखा ने 7 तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षकों सहित 23 अधिकारियों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कराया है। जिससे शिक्षा विभाग के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।
जनपद में करीब तीन दशक से,छात्रवृत्ति के घोटालों में फंस गए हैं।
मथुरा में 2015-16 से 2019-20 तक हुए छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले की तलवार मथुरा के तत्कालीन शीर्ष अधिकारियों में 7 तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक सहित 23 तत्कालीन बीएसए, जिला समाज कल्याण अधिकारी, विभागीय कर्मचारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी/ कर्मचारी, दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी आदि ने दुरभि संधि कर त्रुटि पूर्ण डाटा को बगैर परीक्षण/ सत्यापन अग्रसारित कर भुगतान किया । आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन कानपुर के जांच कर्ताओं ने प्रथम दृष्टा इसकी पुष्टि करते हुए धारा 409/120 बी भारतीय दण्ड विधान तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 13(2) में अभियोग पंजीकृत करने की संस्तुति की गई जिसे शासन से स्वीकृत मिलने के बाद अभियोग कानपुर में पंजीकृत हुआ है।
अधिकारियों द्वारा पदीय कर्तव्यों का जमकर दुरुपयोग किया गया जिससे छात्र - छात्राओं सहित आम जन मानस इससे त्रस्त हुआ है। कभी 10-20 हजार में नकल कराने का ठेके लेने और जम्मू कश्मीर तक के बच्चों को हाईस्कूल -इण्टर की परीक्षा पास कराने वाले कुछ लोग आज बड़े बड़े संस्थानों को टीन शैड की छतों के भवन में डिग्री डिप्लोमा की मान्यता दी। जब इतना सब कुछ नियमों को ताक पर रख कर हो सकता हैशिक्षा के नाम पर अफसर और निजी संस्थानों के कर्ता-धर्ता माल बटोरते रहे और छात्रों के हक के पैसे को भी डकारते रहे।
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन ने मथुरा के कुल 153 शिक्षण संस्थानों के अलावा तत्कालीन 7 डीआईओस अरुण कुमार दुबे, भास्कर मिश्र, अशोक कुमार सिंह, मुकेश कुमार रायजादा, इन्द्र प्रकाश सोलंकी, कृष्णपाल सिंह सोलंकी, डा. राजेन्द्र सिंह, राजेश कुमार शर्मा वरिष्ठ सहायक, राघुवेन्द्र सिंह सहायक बीएसए , करुणेश त्रिपाठी समाज कल्याण अधिकारी, राहुल कुमार सहायक विकास अधिकारी, उमा शंकर शर्मा समाज कल्याण अधिकारी, विनोद शंकर तिवारी जिला समाज कल्याण अधिकारी, नवीन मल्होत्रा कनिष्ठ सहायक, योगेश कुमार कनिष्ठ सहायक , पूरन चंद शर्मा समाज कल्याण अधिकारी, गिरिराज शर्मा वरिष्ठ सहायक, महावीर सिंह वरिष्ठ सहायक, मान सिंह शर्मा सहायक कनिष्ठ, श्रीओम शर्मा प्रधान सहायक, श्याम सुंदर इकनौरिया जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, कुलदीप मिश्र पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, डा. अजीत कुमार दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी, संजीव कुमार कनिष्ठ सहायक सहित 23 अधिकारियों द्वारा शिक्षा माफियाओं,कॉलेज संचालकों से
दुरभि संधि कर छात्र वृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की अनियमितताओं को अनदेखा किया। जिसके चलते ही छात्रवृत्ति में सैकड़ों करोड़ का घपला हो गया। जिसमें आर्थिक अपराध अनुसंधान कानपुर द्वारा आरोपित अधिकारियों के खिलाफ 409/120 बी तथा 13(2) धारा के तहत खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराया गया जांच पूरी हो चुकी हैं और अब मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी जल्द ही होने वाली है
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