"महामहिम राज्यपाल कुलाधिपति"
उत्तर प्रदेश
'परम सम्माननीय'
"मुझे नियुक्ति पत्र तत्काल जारी किया जाए'
नियुक्ति पाना मेरा अधिकार है' जिसे दीदउ विवि द्वारा अनधिकृत रुप से छीन लिया गया है
मैं भी मनुष्य हूं चेतन प्राणी हूं मैं क्या करूं कि राजभवन मेरे पत्रों का जवाब देगा? इतना ही कहता हूं की 'कोठी हयात बख्श'आज का 'गवर्नर हाउस'अंग्रेजी जमाने से भी 'क्रूर'है दो दर्जन पत्र/ज्ञापन लिखने के बावजूद यदि जवाब न
मिले तो लिखने वाले की मानसिक स्थिति क्या होगी?
"अनशन का दूसरा दिन. मैं अस्वस्थ हूं मेरे लीवर एवं फेफड़ों में सूजन है।
महामहिम' राजभवन' द्वारा विवि को निर्देशित किया जाए कि 28.8.2008 यूजीसी का पत्र जो मेरे अनुमोदन' एवं भुगतान' से संबंधित है तत्काल लागू किया जाए मुझे नियुक्ति पत्र जारी किया जाए.विवि ने 'जानबूझकर',17 वर्ष से यूजीसी के पत्र का संज्ञान नहीं लिया
प्रति: मा. मुख्यमंत्री जी
डॉ संपूर्णानंद मल्ल
पूर्वांचल गांधी
पीएचडी इन आर्कियोलॉजी एंड हिस्ट्री हिस्ट्री डिपार्टमेंट फैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेज दिल्ली यूनिवर्सिटी
9415418263
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