जय गुरुदेव आश्रम पर वार्षिक भंडारा और सत्संग मेला का आज अंतिम दिन

Sharp Media संवाददाता आलोक तिवारी 
मथुरा। जयगुरुदेव आश्रम में चल रहे वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला के पांचवें और अन्तिम दिन राष्ट्रीय उपदेशक बाबूराम जी और सतीश चन्द्र जी ने श्रद्धालुओं को गुरु के कोमल चित्त हृदय और अपार दया के खजाने का स्मरण कराया और उनके वचनों पर कुर्बान रहने की मिसाल दी। सन्त सतगुरु हमेशा अपने शिष्यों के दुःख तकलीफ विरह को समझता है और अन्तर में दया देकर सम्हाल करता है। 
हजरत निजामुद्दीन साहब का जिक्र कर संतों फकीरों की मौज में रहने की हिदायत दी। बुरे कर्मों से प्रभाव में रहने पर महापुरुषों की सच्ची वाणियाँ भी अच्छी नहीं लगती है और मनमुखी चाल से परमार्थ का नुकसान कर बैठता है। सत्संगी प्रेमी भी कभी-कभी आपस में दुराव कर बैठते हैं ऐसे में सतगुरु की दया होने पर सब ठीक हो जाता है, लेकिन इसके लिये तन, मन, धन की सेवा परमार्थ में लगाना चाहिये।

सतीश चन्द्र जी ने कहा गीता, रामचरित मानस हिन्दू धर्म के महान धर्म ग्रन्थ है। इनके पढ़ने से शिष्टाचार व अध्यात्मवाद का बोध होता है लेकिन इन ग्रन्थों के घरों में होते हुये भी बहुत से लोगों के खान-पान खराब हैं।

 इसलिये लोगों को जागृत करने के लिये सन्त महात्मा धरती पर भ्रमण करते हैं। आप सभी लोग पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज के पावन वार्षिक भण्डारा में पधारे इसका बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। घरों पर जाकर ध्यान भजन सुमिरन अवश्य कीजिये। प्रचार के द्वारा गुरु महाराज के सन्देश पहुंचाते रहियेगा। 

आज सत्संग मेला के समापन पर पूज्य पंकज जी महाराज ने आयोजन को सफल बनाने में अधिकारियों, कर्मचारियों, सेवादारों, ब्रजवासियों को बहुत-बहुत साधुवाद दिया। गुरु महाराज की दया सबको मिले सबका जीवन सुखमय हो। आयोजन में 16 जोड़ी दहेज रहित विवाह सम्पन्न हुये। श्रद्धालु मंदिर में पूजन कर प्रसाद लेकर, गुरु महाराज व पूज्य पंकज जी महाराज से दया, आशीर्वाद की याचना करके अपने-अपने घरों के लिये प्रस्थान कर रहे हैं।

 इसके बाद पूज्य महाराज जी दिनांक 5 दिसम्बर से 25 फरवरी 2026 तक शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध के प्रचार प्रसार हेतु अपने 83 दिवसीय सत्संग दौरे के लिये उ.प्र. के जिला गाजीपुर प्रस्थान कर जायेंगे।

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